झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करोड़पति है। साल 2019 के चुनावी हलफनामे के मुताबिक सीएम सोरेन की कुल संपत्ति 8 करोड़ 51 लाख, 74 हजार 195 रुपये है। इसमें हेमंत सोरेन के नाम पर चल सपंत्ति करीब 1 करोड़ और अचल संपत्ति 1 करोड़ 16 लाख से ज्यादा है। वहीं, उनकी पत्नी कल्पना के पास करीब एक करोड़ की चल संपत्ति और करीब 5 करोड़ की अचल संपत्ति है। ये तो हो गई सोरेन दंपति की जायदाद की जानकारी लेकिन सीएम सोरेन जमीन के विवाद में फंस गए हैं और इसे लेकर उनपर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं। जमीन के साथ ही अवैध खनन में भी उनकी संलिप्तता सामने आई है। जिसे लेकर उनपर आरोप लगे हैं वो है एक जमीन... एक BMW कार और 36 करोड़ कैश।
जर और ज़मीन का जंजाल, कैसे फंस गए हेमंत सोरेन ?
सीएम हेमंत सोरेन पर जिस जमीन के घोटाले के आरोप लग रहे हैं, ईडी के पास उस जमीन की पूरी डिटेल है। पूरी डिटेल जानकार आप हैरान रह जाएंगे लेकिन उससे पहले हेमंत सोरेन के इस जमीन की डिटेल समझ लीजिए। ये जमीन रांची के बड़गाई अंचल के बरियातू इलाके में है। इसका साइज 8.46 एकड़ का है, इसमें 12 प्लॉट हैं। ज़मीन को पत्थर की बाउंड्री बनाकर घेरा गया है। इस जमीन पर कोई कंस्ट्रक्शन तो नहीं हुआ है। लेकिन एक गार्डरुम और एक आउट हाउस बनाया गया है।
झारखंड के लैंड स्कैम में सीएम सोरेन की एंट्री की कहानी बहुत दिलचस्प है। इसकी शुरुआत साल 2022 में हुई थी। 6 मई को झारखंड में करोड़ों के मनरेगा घोटाले को लेकर ईडी की एंट्री हुई। ईडी ने मनरेगा घोटाले के मामले में पूजा सिंघल और उनके करीबियों के ठिकानों पर छमामेरी की। पूजा सिंघल के सीए सुमन कुमार के घर से 19 करोड़ कैश बरामद हुए। 7 मई 2022 को CA सुमन कुमार को गिरफ्तार किया गया। 11 मई 2022 को पूजा सिंघल को गिरफ्तार किया गया।पूछताछ के दौरान पूजा सिंघल ने ईडी को कई अहम जानकारियां दी। इसके बाद झारखंड में करप्शन की फाइलें खुलने लगी।
ऐसे हुआ खुलासा
जांच में ईडी को पूजा सिंघल से ऐसे इनपुट मिले, जिसने झारखंड में चल रहे करप्शन की पूरी कलई खोल दी। जांच की आंच IAS ऑफिसर्स से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंची। करप्शन की ऐसी चेन मिली कि ईडी के ऑफिसर्स भी हैरान रह गए। क्योंकि घोटाला एक डिपार्टमेंट में नहीं बल्कि हर विभाग में हो रहा था। मतलब ये कि 2022 में ईडी ने जांच मनरेगा घोटाले को लेकर शुरु की। जांच आगे बढ़ी तो टेंडर स्कैम का खुलासा हुआ। जांच और आगे बढ़ी तो अवैध खनन का मामला सामने आया। घोटाला खेल खुलता गया और ईडी एक-एक कर आगे बढ़ती रही। अवैध खनन के बाद लैंड स्कैम... फिर शराब घोटाला और फिर उसके बाद घोटालों के पैसों के लॉन्ड्रिंग का खेल ... मतलब की मनी लॉन्ड्रिंग।
इस जमीन की वजह से फंसे सोरेन
जैसे ईडी की जांच का दायरा बढ़ा .... झारखंड में करप्शन का खेल खुलता गया। टेंडर और कमीशन के बाद फाइलें ज़मीन घोटाले की खुलीं। रांची के जिस बड़गाई स्थित जमीन को लेकर ईडी जांच कर रही है, उसके कागजात भी भानु प्रताप के घर से ही बरामद हुए थे। भानु प्रताप के मोबाइल से भी ईडी को कई ज़मीन की जानकारी मिली थी। जिसके बाद ED ने लैंड स्कैम को लेकर मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के घर पर छापेमारी की।
ईडी ने जब गवाहों के बयान दर्ज किए और मामले की डिटेल्ड इंवेस्टिगेशन की तो इस जमीन के घोटाले के तार सीएम सोरेन जुड़ गए। इसके बाद बड़गाई के पूर्व राजस्व अधिकारी भानुप्रताप और अंचलाधिकारी मनोज कुमार के बयान को आधार बनाकर ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया। 18 नवंबर 2022 को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 10 घंटे इडी दफ्तर में पूछताछ हुई।
ईडी ने पूरी कर ली है तैयारी, क्या गिरफ्तार होंगे सोरेन?
सोर्सजे से मिली इन्फोर्मेशन के मुताबिक ये जमीन सेना से जुड़ी हुई थी। जिसे फर्जी नाम-पते की मदद खरीदा और बेचा गया। इसको लेकर रांची नगर निगम ने एक एफआईआर भी दर्ज करवाई हुई है। सोरेन पर दस्तावेज में जालसाजी कर जमीन की खरीद-बिक्री के अलावा आदिवासी जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप भी लगा है। इस मामले में अबतक 14 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। और अब गिरफ्तारी की तलवार सोरेन पर लटक रही है। ईडी के पास ज़मीन घोटाले से जुड़े पुख्ता सबूत है। गवाहों के बयान भी ईडी पहले ही दर्ज कर चुकी है। 30 जनवरी को दिल्ली में हेमंत सोरेन के आवास से ईडी को कुछ और दस्तावेज मिले हैं। हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी अपनी तैयारी पूरी कर चुकी है। ये बात हेमंत सोरेन को भी मालूम है...इसलिए सोरेन बार-बार ईडी से बचने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन अब ईडी ने सोरेन के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी कर ली है।