Monday, December 16, 2024
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अतुल सुभाष की पत्नी को मिलेगी सजा या बच जाएगा पूरा परिवार, सुप्रीम कोर्ट की वकील ने बताया क्या है कानून

महिलाओं के तुलना में पुरुषों के अधिकार कम हैं, लेकिन अतुल सुभाष की पत्नी को सजा हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट की वकील कनिका भारद्वाज ने इस बारे में विस्तार से बताया है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Dec 16, 2024 14:11 IST, Updated : Dec 16, 2024 14:11 IST
Nikita singhania- India TV Hindi
Image Source : PTI निकिता सिंघानिया, उसकी मां और भाई पुलिस की गिरफ्त में

बेंगलुरु में आत्महत्या करने वाले इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता ने उनकी अस्थियां विसर्जित करने से इंकार कर दिया है। उनका कहना है कि जब तक उनके बेटे को न्याय नहीं मिल जाता, तब तक वह अस्थियां नहीं विसर्जित करेंगे। खुद अतुल सुभाष ने भी अपने सुसाइड नोट में यह बात लिखी थी। उन्होंने कहा था कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिलता है तो उनकी अस्थियों को कोर्ट के बाहर नाले में बहा दिया जाए। हालांकि, कर्नाटक पुलिस ने अतुल की पत्नी निकिता और उसके परिवार के अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट की वकील कनिका भारद्वाज ने बताया कि निकिता को किन धाराओं के तहत सजा हो सकती है और कितनी सजा हो सकती है।

कनिका भारद्वाज ने बताया कि शादी के बाद घरेलू हिंसा को लेकर पुरुषों के पास अधिकार न के बराबर हैं। उनके पास सिर्फ तलाक लेने का अधिकार है, लेकिन घरेलू हिंसा होने पर वह लड़की के खिलाफ कोई केस नहीं कर सकते हैं।

कानून का हो रहा दुरुपयोग

कनिका भारद्वाज ने बताया कि जब भारतीय कानून में बदलाव हुआ था और आईपीसी की जगह भारतीय न्याय संहिता ने ली थी, तब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार 498ए की धारा में बदलाव की बात कही थी, क्योंकि इसका दुरुपयोग हो रहा है। हालांकि, केंद्र ने इस पर ध्यान नहीं दिया और अभी भी महिलाएं कानून का दुरुपयोग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि 498ए के तहत अगर कोई पुरष या उसके करीबी लोग किसी भी तरीके से लड़की को परेशान करते हैं तो उन्हें सजा हो सकती है। इसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

कौन है जिम्मेदार 

वकील ने बताया कि पुलिस अधिकारियों ने जान बूझकर गलत धाराएं लगाई। अप्राकृतिक यौन संबंध, मर्डर और यौन शोषण की धाराएं भी लगाई, जबकि इनका कोई सबूत नहीं था। जानकारी का अभाव में अतुल सुभाष को सही मदद नहीं मिल पाई। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मुफ्त में जानकारी हासिल करने की सुविधा है, लेकिन लोगों को इसके बारे में पता नहीं है। अतुल सुभाष की मौत में समाज भी जिम्मेदार है, क्योंकि ऐसे मामलों में लोग पहले ही धारणा बना लेते हैं और जो व्यक्ति दबाव में है, उसकी मदद नहीं करते। कानून के लिहाज से भी अतुल सुभाष के पास तलाक के अलावा कोई विकल्प नहीं था। ऐसे में सही कानून का अभाव भी इसके लिए जिम्मेदार है।

निकिता को हो सकती है सात साल की जेल

कनिका भारद्वाज ने बताया कि अगर यह साबित होता है कि अतुल सुभाष को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है तो उनकी पत्नी निकिता और अन्य जिम्मेदार लोगों को सात साल तक की सजा हो सकती है। हालांकि, इसमें लंबा समय लगेगा। पुलिस की जांच के बाद चार्ज सीट फाइल होगी और इसके बाद अदालत अपना फैसला सुनाएगी। कोर्ट में यह साबित करना मुश्किल होगा कि निकिता ने अतुल को आत्महत्या के लिए मजबूर किया, लेकिन अगर यह साबित होता है तो निकिता को जेल होने के साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

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