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‘पति को हिजड़ा कहना मानसिक क्रूरता के बराबर’, जानें हाई कोर्ट ने अपने फैसले में और क्या कहा

हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पति को हिजड़ा कहना और उसकी मां को यह कहना कि उसने एक हिजड़े को पैदा किया है, मानसिक क्रूरता के समान है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Oct 23, 2024 17:19 IST, Updated : Oct 23, 2024 17:19 IST
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Image Source : PIXABAY REPRESENTATIONAL हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अपीलकर्ता पत्नी के कृत्य और आचरण क्रूरता के समान हैं।

चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने एक पारिवारिक अदालत द्वारा एक व्यक्ति के पक्ष में दिए गए तलाक के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पति को ‘हिजड़ा’ कहना मानसिक क्रूरता के बराबर है। जस्टिस सुधीर सिंह और जस्टिस जसजीत सिंह बेदी की बेंच ने इस साल जुलाई में एक फैमिली कोर्ट द्वारा पति के पक्ष में दिए गए तलाक के खिलाफ एक महिला की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बेंच ने कहा, ‘यदि फैमिली कोर्ट द्वारा दर्ज निष्कर्षों की जांच सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के मद्देनजर की जाए तो यह बात सामने आती है कि अपीलकर्ता पत्नी के कृत्य और आचरण क्रूरता के समान हैं।’

दिसंबर 2017 में हुई थी दोनों की शादी

बेंच ने कहा,‘प्रतिवादी पति को हिजड़ा कहना और उसकी मां को यह कहना कि उसने एक हिजड़े को पैदा किया है, मानसिक क्रूरता के समान है। अपीलकर्ता पत्नी के सभी कृत्यों और आचरण पर विचार और इस बात पर भी गौर करते हुए कि दोनों पक्ष पिछले 6 साल से अलग-अलग रह रहे हैं, कोर्ट ने पाया कि दोनों पक्षों के बीच संबंध इतने खराब हो चुके है कि इन्हें अब सुधारा नहीं जा सकता।’ इन दोनों की शादी दिसंबर 2017 में हुई थी। तलाक की अर्जी देने वाले पति ने दावा किया था कि उसकी पत्नी ‘देर से उठती’ थी।

‘अश्लील वीडियो देखने की आदी है पत्नी’

पति ने दावा किया था कि पत्नी उसकी मां से पहली मंजिल पर स्थित अपने कमरे में दोपहर का खाना भेजने के लिए कहती थी और दिन में 4 से 5 बार मां को ऊपर बुलाती थी। पति ने दावा किया था, ‘उसे इस बात की जरा परवाह नहीं थी कि उसकी मां गठिया से पीड़ित है। वह अश्लील वीडियो देखने की आदी है और उसे शारीरिक रूप से स्वस्थ नहीं होने के लिए ताना मारती थी। वह किसी अन्य व्यक्ति से शादी करना चाहती थी।’ महिला ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया कि उसका पति यह साबित करने के लिए कोई सबूत पेश नहीं कर सका कि वह अश्लील वीडियो देखती थी।

‘परिवार ने महिला के खिलाफ क्रूरता की’

महिला ने अपने ससुराल वालों पर ड्रग्स देने का भी आरोप लगाया। महिला की ओर से पेश वकील ने दलील दी कि फैमिली कोर्ट ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि पति और उसके परिवार ने महिला के खिलाफ क्रूरता की। अदालत की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि शख्स की मां ने अपनी गवाही में कहा कि उसके बेटे को उसकी पत्नी ‘हिजड़ा’ कहती थी। इसमें कहा गया है कि दूसरी ओर पत्नी को ड्रग्स देने और उसे एक ‘तांत्रिक’ के प्रभाव में रखने के आरोप को पत्नी द्वारा साबित नहीं किया जा सका।

फैमिली कोर्ट का फैसला रहा बरकरार

बेंच ने कहा, ‘बेशक यह अदालत की जिम्मेदारी है कि जहां तक ​​संभव हो वैवाहिक बंधन को बनाए रखा जाए, लेकिन जब विवाह अव्यवहारिक हो जाए और पूरी तरह से खत्म हो जाए, तो दोनों पक्षों को साथ रहने का आदेश देने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा।’ अदालत ने अपने आदेश में कहा कि इस प्रकार हम पाते हैं कि फैमिली कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला किसी भी प्रकार से अवैधानिक या विकृत नहीं हैं। (भाषा)

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