Highlights
- ऐसा देखा गया है कि एक ही तापमान में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा ठंड लगती है।
- महिलाओं के शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए कम मांसपेशियां होती हैं।
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं की स्किन और ब्लड वेसेल्स के बीच ज्यादा दूरी होती है।
Why women feel cold more than men: अक्सर हम देखते हैं कि एसी की ठंडक या जाड़े के दिनों में पुरुष एक ही तपमान में महिलाओं के मुकाबले ज्यादा कंफर्टेबल होते हैं। कई दफ्तरों में भी महिला और पुरुष सहकर्मियों के बीच एसी के टेंपरेचर को लेकर बहस होती रहती है। रिसर्चर्स भी इस बात को कहते हैं कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कमरे के अंदर ज्यादा तापमान पसंद होता है। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ‘ज्यादा ठंड’ क्यों महसूस होती है? क्या इसके पीछे को वैज्ञानिक कारण है?
महिलाओं का मेटाबॉलिक रेट पुरुषों से कम होता है
दरअसल, बराबर वजन होने के बावजूद महिलाओं के शरीर में गर्मी पैदा करने के लिए पुरुषों की तुलना में कम मसल्स या मांसपेशियां होती हैं। महिलाओं के शरीर में त्वचा और मांसपेशियों के बीच ज्यादा चर्बी होती है, और उनकी त्वचा के ज्यादा ठंडक महसूस करने की एक वजह यह भी है, क्योंकि ऐसे में उनकी स्किन ब्लड वेसेल्स से थोड़ा दूर होती हैं। इसके अलावा पुरुषों की तुलना में महिलाओं की मेटाबॉलिक रेट भी कम होती है, जिससे ठंड के दौरान गर्मी पैदा करने की क्षमता घट जाती है और टेंपरेचर कम होने पर महिलाओं को ज्यादा ठंड लगती है।
महिलाओं को ठंड लगने का यह भी है एक कारण
महिलाओं में बड़ी मात्रा में पाए जाने वाले हार्मोन एस्ट्रोजन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरोन (Progesterone) का शरीर और त्वचा के तापमान के संबंध में बहुत ज्यादा महत्व है। Estrogen के कारण रक्त वाहिकाएं या ब्लड वेसेल्स फैलती हैं और Progesterone हार्मोन त्वचा में वेसेल्स के कसे रहने का कारण बनता है। इसका मतलब यह हुआ कि शरीर के अंदरूनी अंगों को गर्म रखने के लिए कुछ भागों में कम खून पहुंच पाता है, जिससे महिलाओं को ठंडक महसूस होती है।
महिलाओं के शरीर के अंदरूनी अंगों का तापमान ज्यादा
मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) के साथ हार्मोन का संतुलन पूरे महीने बदलता रहता है। इन हार्मोन के कारण महिलाओं के हाथ, पैर और कान पुरुषों की तुलना में लगभग 3 डिग्री सेल्सियस ज्यादा ठंडे रहते हैं। ओव्यूलेशन (अंडोत्सर्ग) के बाद के सप्ताह में शरीर के भीतरी अंगों का तापमान मैक्सिमम लेवल पर होता है, क्योंकि Progesterone हार्मोन का स्तर लगातार बढ़ता रहता है। हालांकि, पुरुषों की तुलना में महिलाओं के हाथ-पैर ठंडे होते हैं, और उनके शरीर के अंदरूनी अंगों का औसत तापमान ज्यादा होता है।
नर और मादा चमगादड़ों में देखा गया है यह अंतर
पक्षियों और स्तनधारी जानवरों की कई प्रजातियों पर की गई स्टडी के मुताबिक, नर आमतौर पर ठंडे इलाकों में रहने जाना पसंद करते हैं, जबकि मादाओं को गर्म वातावरण ज्यादा लुभाता है। यही वजह है कि नर चमगादड़ पहाड़ों की ठंडी, ऊंची चोटियों पर आराम करते हैं, जबकि मादा चमगादड़ अपेक्षाकृत गर्म घाटियों में रहती हैं। तो अब हमारे पास इस सवाल का जवाब है कि महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा ठंड क्यों लगती है।