Monday, December 23, 2024
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वंदे भारत की हर बात निराली लेकिन क्या आप जानते हैं उस पर लिखे नंबरों की कहानी, यहां जानिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मेक इन इंडिया के तहत बनी वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। गांधीनगर से मुंबई रेल मार्ग पर चलने वाली इस हाईस्पीड ट्रेन को अहमदाबाद से हरी झंडी दिखाई गई। अहमदाबाद से मुंबई के बीच 492 किलोमीटर का सफर शुक्रवार को मात्र साढ़े पांच घंटे में तय किया। यह ट्रेन कई मायनों में खास है।

Edited By: IndiaTV Hindi Desk
Published : Oct 01, 2022 15:51 IST, Updated : Oct 01, 2022 15:51 IST
Vande Bharat
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मेक इन इंडिया के तहत बनी वंदे भारत ट्रेन (गांधीनगर-मुंबई) को हरी झंडी दिखाई। इस ट्रेन के अद्भुत सफर और सुविधाओं की चारों ओर चर्चा है। सभी सुविधाओं से युक्त ये ट्रेन सेमी हाई स्पीड और स्वचालित है। शानदार स्पेस, आरामदायक सीट्स के साथ ही ट्रेन में शोर बहुत ही कम आता है। इसके अधिकांश पुर्जे भारत में ही बनाए गए हैं। ऐसे में वंदे भारत ट्रेन कई मायनों में बेहद खास है। लेकिन क्या आपने इस ट्रेन के उपर दिए गए नंबरों पर गौर किया है। इस ट्रेन पर नंबर लिखे है 'प रे W R 226431' । वैसे भारत की सभी ट्रेनों पर एक नंबर होता है। लेकिन क्या आप उन नंबरों के पीछे की कहानी जानते हैं। क्या आपको पता है किसी भी ट्रेन के लिए ये नंबर क्यों महत्वपूर्ण होते हैं। चलिए हम आपको बताते हैं। 

वंदे भारत ट्रेन के डिब्बे पर लिखे नंबरों का रहस्य 

ट्रेन में यात्रा के दौरान आपको सीट नंबर दिया जाता है लेकिन क्या कभी आपने ट्रेन के डिब्बों पर लिखे नंबर पर गौर किया है। जैसे इस तस्वीर में  'प रे W R 226431'  नंबर नजर आ रहा है। आमतौर पर हम लोग इस नंबर को देखकर नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन यह नंबर ट्रेन से जुड़ी अहम जानकारी देता है। 'प रे W R' का मतलब वेस्टर्न रेलवे है। छह में से पहले 22 नंबर यह बताते हैं कि कोच को किस साल में बनाया गया है। ऐसे में यहां 22 का मतलब यह हुआ कि इस कोच को साल 2022 में बनाया गया है। वहीं इसके आगे के नंबर ट्रेन के जोन और कैटेगिरी के साथ ही उसे अन्य ट्रेनों से अलग बनाने के लिए दिए जाते हैं।

यहां आपको ये भी बता दें कि ट्रेनों को नंबर देने की शुरुआत ब्रिटिश काल में की गई थी। उस समय ट्रेनें कम थीं, इसलिए ट्रेनों को दो ही नंबर दिए जाते थे। लेकिन समय के साथ-साथ ट्रेनों की संख्या बढ़ी और उनके नंबर भी। रेलवे कई जोन्स में बंटा है, ऐसे में शुरुआती नंबरों में निर्धारित जोन का अंक जोड़ा जाता है, जिससे ट्रेन के जोन की पहचान भी आसानी से हो सके। इसी आधार पर बाकी ट्रेनों को भी नंबर दिए जाते हैं। बता दें कि वंदे भारत को पहले ट्रेन 18 कहा जाता था, लेकिन फरवरी 2019 में इसका नाम बदलकर वंदे भारत एक्सप्रेस कर दिया गया। 

कई सुविधाएं हैं इस सुपर फास्ट ट्रेन में 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे भारत की खूबियां गिनाते हुए कहा कि इस ट्रेन के अंदर प्लेन के मुकाबले 100 गुनी कम आवाज है। जो लोग प्लेन से यात्रा करते हैं वो एक बार इसका अनुभव लेने के बाद इसी ट्रेन से यात्रा करना चाहेंगे। वंदे भारत ट्रेन बिना लोकोमोटिव के संचालित होती हैं। इसे डिस्ट्रिब्यूटेड ट्रैक्शन पावर टेक्नोलॉजी कहा जाता है। इसके डिब्बों में ऑन-बोर्ड वाईफाई, जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी, सभी डिब्बों में स्वचालित दरवाजे, घूमने वाली कुर्सियां और बायो-वैक्यूम प्रकार के शौचालय सहित यात्री सुविधाएं शामिल हैं। इसकी अधिकतम स्पीड 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।

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