Highlights
- मदरसों के कई बार सामने आ चुके हैं आतंकी कनेक्शन
- यूपी में फैला है अवैध मदरसों का मकड़जाल
- अवैध मदरसे सर्वे के बाद कराए जा सकते हैं बंद
UP Madrasa Survey: यूपी में इन दिनों योगी आदित्यनाथ की सरकार मदरसों का सर्वे करवा रही है। जिले-जिले, तहसील-तहसील, ब्लॉक-ब्लॉक और गांव-गांव मदरसों के सर्वे का काम तेजी से चल रहा है। मगर मुख्यमंत्री योगी के इस कदम से एआइएमआइएम के मुखिया व सांसद असदुद्दीन ओवैसी परेशान हो उठे हैं। साथ ही मुस्लिम समाज में भी सरकार के इस कदम के खिलाफ आक्रोश है। हैरानी की बात तो यह है कि सर्वे की वजह जाने बिना ही ओवैसी समेत मुस्लिम समाज के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया है। मगर क्या आप जानते हैं कि मदरसों के सर्वे कराने की जरूरत आखिर क्यों पड़ी..? आइए हम आपको बताते हैं।
दरअसल यूपी में अवैध मदरसों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। ये अवैध मदरसे गांव-गांव और गली-गली खुलते जा रहे हैं। इनके पास सरकार की ओर से न तो कोई रजिस्ट्रेशन है और न ही कोई लिखित आदेश। बावजूद धड़ल्ले से मदरसे चलाए जा रहे हैं। इनमें तालीम का स्तर भी अच्छा नहीं है। योगी सरकार वैध मदरसों में अच्छी व कंप्यूटराइज्ड शिक्षा पहुंचाने का काम कर रही है। यूपी में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री दानिश अंसारी के अनुसार मदरसों का सर्वे कराने का मकसद वहां की शिक्षा गुणवत्ता को परखना और जहां अच्छी शिक्षा नहीं है, उसे अत्याधुनिक तकनीकि से जोड़ना है। वहीं ओवैसी समेत अन्य मुस्लिम समाज के लोग यह सर्वे कराने का मकसद मुसलमानों को प्रताड़ित करना बता रहे हैं। ओवैसी ने तो सरकार के इस कदम को मिनी एनआरसी कानून की तरह बताकर हंगामा खड़ा कर दिया है। वह मुस्लिम समाज के लोगों को गुमराह कर रहे हैं। हालांकि इतना तो तय है कि अवैध रूप से खोले गए मदरसों को सरकार बंद भी करवाएगी। असली विरोध की वजह यही है।
विवादों में रहे हैं मदरसे
मदरसों का सर्वे करवाना सरकार इसलिए भी जरूरी समझ रही है कि अक्सर कुछ मदरसे राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के चलते विवादों में रहे हैं। ऐसे में सरकार को यह जानने का पूरा हक है कि कहां किस तरह की शिक्षा दी जा रही है। सर्वे में अवैध मिलने वाले मदरसों को सरकार बंद भी करवाएगी। आजमगढ़ से लेकर मऊ, देवबंद तक के मदरसों का पूर्व में आतंकी कनेक्शन मिल चुका है। गत 10 वर्षों में पकड़े गए दस आतंकियों का कनेक्शन सहारनपुर के देवबंद स्थित मदरसों से रहा है।
जब आतंकी कनेक्शन की वजह से चर्चा में आए ये मदरसे
एनआइए ने वर्ष 2018 में आइएसआइएस के मॉड्यूल हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम के 13 संदिग्ध आतंकी अमरोहा से गिरफ्तार किया था। इनका संबंध भी देवबंद के मदरसों से ही था। वर्ष 2019 में यूपी एटीएस ने आतंकी शाहनवाज तेली और आकिब अहमद मलिक को देवबंद से पकड़ा था। इन आतंकियों को पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए हमले की पूर्व जानकारी थी। जांच में यह बात सामने आई कि यह दोनों काफी समय तक देवबंद के हॉस्टल में रहे थे।
इसी तरह दिसंबर 2020 में प्रतिबंधित संगठन स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के सदस्य अब्दुल्ला दानिश को यूपी एटीएस और दिल्ली पुलिस ने अहमदाबाद में वर्ष 2008 में हुए बम धमाकों के आरोप में अलीगढ़ से दबोचा था। इस आतंकी का संबंध अलीगढ़ के जामिया-तुल-फलाह मदरसे से होना सामने आया था।
गत मार्च 2022 में यूपी एटीएस ने इनामुल हक को सहारनपुर के देवबंद से दबोचा। इसका संबंध भी यहीं के छात्रावास से था। जांच में उसके संबंध लश्कर-ए-तैय्यबा से होने के सुबूत मिले थे। वह जेहादी वीडियो को यू-ट्यूब पर अपलोड करने का भी काम करता था।
हाल ही में 15 अगस्त को हुए स्वतंत्रता दिवस से पहले यूपी एटीएस ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला को कानपुर से पकड़ा था। इसका संबंध देवबंद से गिरफ्तार हुए आतंकी नदीम से था। खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि वह पाकिस्तानी खुफिया इजेंसी (आएसआइ) के तहत किसी बड़े धमाके की साजिश रचने में जुटा था। इटावा का रहने वाला यह आइएसआइ के इशारे पर यूपी और उत्तराखंड में आतंकी मॉड्यूल तैया कर रहा था।