राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत अक्सर देश के महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय देते रहते हैं। भागवत हाल ही में उत्तर प्रदेश के अमरोहा में श्री दयानंद गुरुकुल महाविद्यालय के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस दौरान महाविद्यालय की एक छात्रा ने मोहन भागवत से सवाल किया कि वह भारत के प्रधानमंत्री या फिर किसी अन्य महत्वपूर्ण पद पर क्यों नहीं बैठे हैं? इस सवाल पर दिए गए मोहन भागवत के बयान की चर्चा हो रही है।
क्या बोले मोहन भागवत?
संघ प्रमुख मोहन भागवत से छात्रा ने पूछा कि आप देश के प्रधानमंत्री या कोई अन्य महत्वपूर्ण पद हासिल कर सकते थे, फिर ऐसा क्यों नहीं किया? इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उनके जैसे कार्यकर्ता यहां बैठे हैं, सब ऐसे ही हैं। भागवत ने कहा कि कुछ होने के लिए हम यहां नहीं हैं। देश के लिए काम करना है। तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें ना रहें।
संघ का आदेश सर्वोपरी- मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि किसी भी स्वयंसेवक को आप व्यक्तिगत पूछें, वह शाखा चलाने की इच्छा जताएगा। संघ का आदेश सर्वोपरी है। हम अपने आप को संघ में गाड़ देने के लिए यहां है। नहीं तो आदमी घर नहीं छोड़ सकता। हमने सोचा हमारी क्या हस्ती है, देश बने, इसमें पूरा समरस, विलीन होकर काम करें। इसलिए इस तरीके के दरवाजे पहले ही हमने बंद कर दिया है।
हमारी इच्छा भी नहीं- मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि संघ बताता है यह करो, वह करो, वह करता है। हमारी इच्छा भी नहीं, आकांक्षा भी नहीं। हमको जैसे संघ रखता है हम वैसे रहते हैं। इसलिए हम इधर-उधर देखते नहीं। संघ ने बताया करेंगे नहीं बताया नहीं करेंगे। मोहन भागवत ने कहा कि हम व्यक्ति के नाते कुछ नहीं है। हमने सब कुछ छोड़ दिया है। हमारा बस चले नाम रूप को भी छोड़ दें, लेकिन उसकी मंजूरी नहीं है।
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