नई दिल्ली: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर जहां एक तरफ पूरे देश में बहस चल रही है वहीं अब इसे लेकर अफवाहों का दौर भी शुरू हो गया है। UCC का ड्राफ्ट अभी सामने नहीं आया है लेकिन कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इसे लेकर दावे करने शुरू कर दिये हैं। इस साज़िश के तहत कई मौलाना मुसलमानों के साथ साथ दलित और आदिवासियों को भी बरगला रहे हैं। देश में एक विधान लागू करने को लेकर चल रही कवायद के बीच कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने अफवाहों का बाज़ार गर्म करना शुरू कर दिया है।
UCC को लेकर मस्जिदों में तकरीरें कर रहे हैं मौलाना
ये मौलाना वीडियो जारी कर रहे हैं, मस्ज़िदों में तकरीरें कर रहे हैं। एक तरफ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूसीसी के विरोध में अपना ड्राफ्ट कमीशन को सौंप दिया है, तो दूसरी तरफ उसके प्रवक्ता अफवाहें फैलाने में जुट गये हैं। मौलानाओं ने गैर मुस्लिमों को भी टारगेट बनाया है और मुस्लिमों के साथ-साथ दलितों और आदिवासियों को भी भड़काया जा रहा है। इस काम में वह मौलाना सज्जाद नोमानी लगे हैं जो तालिबान का समर्थन कर चुके हैं। मौलाना कह रहे हैं कि यूनिफार्म सिविल कोड से आदिवासियों की ज़मीन छिन जाएगी, अमीर लोग आदिवासियों की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लेंगे और दलितों के सारे हक एवं परंपराएं खत्म हो जाएंगी।
ओवैसी से लेकर अभिषेक बनर्जी तक कर रहे अपने दावे
यूसीसी को लेकर अफवाहों का बाज़ार केवल मौलाना ही गर्म नहीं कर रहे, बल्कि असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता भी ड्राफ्ट सामने आने से पहले ही दावे पर दावे किये जा रहे हैं। ओवैसी इसे हिंदू सिविल कोड बता रहे हैं। वहीं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर कपड़ा, खाना, धर्म और यहां तक कि भाषा पर भी ज्ञान दे रहे हैं। उनका कहना है कि UCC के जरिए लोगों के अलग-अलग कपड़ों, अलग धार्मिक मान्यताओं और अलग-अलग खानों को एक कैसे किया जा सकता है। यहां तक कि नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने भी यूसीसी पर सवाल उठाए हैं।
अफवाह फैलाने वालों को सुशील मोदी ने किया आगाह
UCC पर अफवाह फैलाने वालों को बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आगाह किया है। सुशील मोदी उस संसदीय कमेटी के अध्यक्ष हैं जो यूसीसी पर लगातार बैठकें कर रही है। उन्होंने अपील की है कि यूसीसी को लेकर लोग अफवाह फैलाने से बाज आएं। उन्होंने कहा, ‘इस वक्त यूसीसी पर लॉ कमीशन लोगों से राय ले रहा है। संसद की कानून मामलों की कमेटी में भी मंथन जारी है। बिना ड्राफ्ट के ही इसके पहलुओं को लेकर अफवाह फैलाने वालों ने अपना काम शुरू कर दिया है, लेकिन लोगों को अफवाहों के चक्कर में नहीं आना चाहिए। उन्हें ड्राफ्ट का इंतजार करना चाहिए।’