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महीने भर से हिंसा में क्यों जल रहा मणिपुर? कहां से सुलगी आग, लड़ाई का क्या है असली कारण?

मणिपुर में जारी हिंसा को महीना होने वाला है लेकिन हालात अभी भी तनावपूर्ण हैं। मणिपुर में मेन लड़ाई दो समुदायों के बीच है लेकिन इस हिंसा की आग में अब तक 80 लोग मारे जा चुके हैं।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: May 30, 2023 12:37 IST
मणिपुर में दो समुदायों के बीच जारी है हिंसा- India TV Hindi
Image Source : PTI मणिपुर में दो समुदायों के बीच जारी है हिंसा

मणिपुर में जारी हिंसा को एक महीना होने वाला है लेकिन माहौल अभी तक शांत होता नहीं दिख रहा है। हालात ये हैं कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाल करने के मिशन पर खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को जाना पड़ा है। मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा होता जा रहा है। 

कुछ हफ्तों की खामोशी के बाद रविवार को सुरक्षा बलों और उग्रवादियों के बीच फिर से गोलीबारी हुई। लेकिन मणिपुर में आखिर महीने भर से क्यों आग लगी हुई है, इसका कारण हम आपको बताएंगे-

मणिपुर में हिंसा की दो मुख्य वजहें हैं-

  1. मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलने पर कुकी और नागा समुदाय का विरोध
  2. सरकारी भूमि सर्वे और इस भूमि सर्वे के खिलाफ कुकी समुदाय 

मैतई समुदाय का कुकी और नागा समुदाय कर रहे विरोध

Image Source : PTI
मैतई समुदाय का कुकी और नागा समुदाय कर रहे विरोध

हिंसा की आग कहां से सुलगी

अधिकारियों ने बताया कि तीन मई को मणिपुर में जातीय दंगे की शुरुआत के बाद से मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है। दरअसल, मणिपुर में ‘जनजातीय एकता मार्च’ के बाद मणिपुर में पहली बार जातीय हिंसा भड़क उठी। अनुसूचित जाति (एसटी) के दर्जे की मांग को लेकर मैतेई समुदाय ने 3 मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद कुकी समुदाय ने राज्य में प्रदर्शन किया था। ये लोग मैतेई समुदाय को मिले दर्जे का विरोध कर रहे थे। इसी प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई।

इसके बाद 4 मई को कुकी और मैतेई समुदाय आपस में भिड़ गए। इस दौरान जमकर आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई। जिसके बाद 5 मई से राज्य में सेना की तैनाती कर दी गई।

राज्य में सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती

Image Source : PTI
राज्य में सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती

मैतेई समुदाय 53%, नगा और कुकी समुदाय 40%
बता दें कि आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे। मैतेई समुदाय मणिपुर की आबादी का करीब 53 प्रतिशत है और समुदाय के अधिकतर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं। नगा और कुकी समुदायों की संख्या कुल आबादी का 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं। 

अब राज्य में हालात सामान्य करने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां तैनात करनी पड़ीं, जिनमें 10,000 से अधिक कर्मी शामिल हैं।

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