Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Infantry Day: देश के आजाद होते ही पाकिस्तान को सिखाया था ऐसा सबक, आज भी होते हैं पैदल सेना के शौर्य के चर्चे, जानिए इस खास दिन के बार में

Infantry Day: देश के आजाद होते ही पाकिस्तान को सिखाया था ऐसा सबक, आज भी होते हैं पैदल सेना के शौर्य के चर्चे, जानिए इस खास दिन के बार में

27 अक्टूबर की सुबह भारतीय सैनिकों को लेकर दो विमानों ने कश्मीर के लिए उड़ान भरी। इसके अलावा कई जवानों को विशेष विमान से मैदान में उतारने के लिए निर्णय लिया गया। इसी दिन को इतिहास में याद रखने के लिए पैदल सैनिक दिवस मनाया जाता है।

Edited By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Updated on: October 27, 2022 13:04 IST
 पैदल सेना दिवस- India TV Hindi
Image Source : TWITTER पैदल सेना दिवस

Infantry Day: हर साल 27 अक्टूबर को पैदल सेना दिवस (Infantry Day) मनाया जाता है। देश की पैदल सेना के अभूतपूर्व शौर्य के सम्मान में इंफैन्ट्ररी डे का आयोजन होते आ रहा है। देश की पैदल सैनिकों का योगदान जम्मू और कश्मीर को पाकिस्तान के चपेट से बचाने के लिए याद किया जाता है। सभी सैनिक आजाद भारत के पहले 'मिलिट्री ऑपरेशन' के हीरो माने जाते हैं। सैनिकों ने पाकिस्तान के इरादों का निस्तनाबुत किया था। जिसके लिए देश आज यानी 27 अक्टूबर को पैदल सेना दिवस के रूप में याद करता है और उन वीरों का सम्मान करता है। 

आज के दिन क्या हुआ था?

देश के आजाद होते ही पाकिस्तानी सैनिक कबायली बनकर जम्मू और कश्मीर में घुस पैठ करने में प्रयास रहे थे। कश्मीर के कई हिस्सों में कबायली फैलने लग गए। जब इस बात की भनक कश्मीर के राजा हरिसिंह को लगी तो वो हैरान हो रह गए। अब उनके पास कोई चारा नहीं बचा था। भारतीय सेना से मदद के लिए गुहार लगाई। फिर सेना ने कश्मीर में दस्तक दी। 27 अक्टूबर को सिख रेजीमेंट की पहली बटालियन श्रीनगर एयरबेस पहुंचा। इसके बाद सेना ने कश्मीर को अपने कंट्रोल में लेने का प्रयास किया और इसमें काफी हदतक सफल भी हुए।

तेजी से फैल रहे थे कबायली 
कबायली को बैक सपोर्ट पाकिस्तानी रेंजर दे रहे थे। इन दुश्मनों को रोकने के लिए सेना की सिख रेजिमेंट एक दीवार बनकर खड़ी हो गई। पाकिस्तानी तेजी से जम्मू-कश्मीर में अपना पैठ जमा रहे थे। लिंक रोड के जरिए अगर भारतीय सैनिक को भेजा जाता तो काफी समय लग जाता और जरा सी भी लेट होना की पाकिस्तान के हाथ में कश्मीर का जाना होता। 

पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू ने ली एक्शन 
आनन-फानन में 26 अक्टूबर की रात को एक आपातकालीन बैठक आयोजित की गई है, जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने सिख रेजीमेंट को वायु मार्ग से भेजने का फैसला लिया। 27 अक्टूबर की सुबह भारतीय सैनिकों को लेकर दो विमानों ने कश्मीर के लिए उड़ान भरी। इसके अलावा कई जवानों को विशेष विमान से मैदान में उतारने के लिए निर्णय लिया गया। इसी दिन को इतिहास में याद रखने के लिए पैदल सैनिक दिवस मनाया जाता है।   

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement