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Lal Bahadur Shastri Jayanti: पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादूर शास्त्री को आखिर क्यों लेना पड़ा था कार के लिए लोन, जानिए इसके पीछे की असली कहानी

Lal Bahadur Shastri Jayanti: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री की सादगी और सहजता से हर कोई उनका कायल था।

Written By: Ravi Prashant @iamraviprashant
Published : Oct 02, 2022 16:14 IST, Updated : Oct 03, 2022 22:31 IST
Lal Bahadur Shastri Jayanti
Image Source : INDIA TV Lal Bahadur Shastri Jayanti

Highlights

  • एक समय का खाना तक त्याग दिया था
  • शान-ओ-शौकत एक बड़ी चीज बन गई है
  • लगभग 7000 रुपए पड़े थे

Lal Bahadur Shastri Jayanti: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है। पूर्व प्रधानमंत्री की सादगी और सहजता से हर कोई उनका कायल था। वे ऐसे प्रधानमंत्री देश बनकर उभरे थे कि उनकी एक आवाज पर भारत की जनता ने एक समय का खाना तक त्याग दिया था। आज लाल बहादुर से जुड़ी एक ऐसी कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आप जानते होंगे। 

कार लेने के लिए कम पड़ गए थे पैसे 

आज की राजनीति में शान-ओ-शौकत एक बड़ी चीज बन गई है। आज के नेताओं के रहने का तौर-तरीका हाई-फाई हो गया है लेकिन ठीक इसके उलट एक जमाने में शास्त्री जी थे। शास्त्री एकदम साधारण और सरल जीवन में विश्वास रखते थे। आपको बता दें कि उस समय लाल बहादुर भारत के प्रधानमंत्री थे, उनके पास अपनी कोई पर्सनल कार नहीं थी। एक इंटरव्यू में अनिल शास्त्री ने बताया था कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी उनके पिता के पास कार नहीं थी, जब वह प्रधानमंत्री बने तो परिवार के सदस्यों ने उनसे कार खरीदने के लिए आग्रह किया और उन्होंने अपनी सचिव को फिएट कार की कीमत पता करने के लिए कहा। सचिव ने कार की कीमत 12000 रुपए बताई। उस समय शास्त्री जी के पास लगभग 7000 रुपए पड़े थे और बाकी की कीमत अदा करने के लिए उन्होंने पंजाब नेशनल बैंक से 5000 रुपए का लोन लिया था।

बैंक वालों को लगाई थी फटकार 
आपने देखा है कि जब कोई आम इंसान बैंको में लोन लेने जाता है तो उसे कई महीनों की प्रक्रिया से गुजरनी पड़ती है। कभी-कभी तो लोन मिलता ही नहीं है। इसी लोन की प्रोसेस को लेकर शास्त्री जी ने बैंक को फटकार भी लगाई थी अनिल शास्त्री ने अपने इंटरव्यू में बताया था कि शास्त्री जी ने लोन के लिए जब आवेदन किया था तो बैंक ने आधे घंटे के अंदर लोन मंजूर कर दिया था, बैंक की इस फूर्ति पर शास्त्री जी ने बैंक को कहा था कि आम आदमी को भी लोन देने में इतना ही समय लगना चाहिए।

बैंक के लोन को पूरा किया था पत्नी ने
11 जनवरी 1966 को उज्बेकिस्तान के ताशकंत में लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था और ऐसा कहा जाता है कि लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद पंजाब नेशनल बैंक ने कार के लिए दिए कर्ज को वापस लेने के लिए उनकी पत्नी ललिता शास्त्री को लिखा था। वहीं बताया जाता है कि उस वक्त देश की प्रधानमंत्री इदिंरा गांधी थी। उन्होंने बैंक से सिफारिश करने के लिए शास्त्री जी पत्नी से बात भी किया था लेकिन शास्त्री जी की पत्नी ने इदिंरा जी को धन्यवाद बोलेत हुए कहा था कि इसकी जरुरत नहीं है। उनकी पत्नी ने अपनी पेंशन से कार की सारी किस्तें लौटा दी थी।

कहां के रहने वाले थे शास्त्री जी 
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर , 1904 को मुगलसराय में हुआ था। आपको बात दें कि ये यहीं मुगलसराय है जिसके स्टेशन का नाम बदलकर दिन दीनदयाल उपाध्याय कर दिया गया है। मुगलसराय बनारस से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बसा एक शहर है। 

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