Sunday, December 22, 2024
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बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही दिल्ली पुलिस? सूत्रों ने बताई सारी बात

दिल्ली पुलिस पहलवानों के प्रदर्शन के बावजूद बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी क्यों नहीं कर पा रही। इसे लेकर दिल्ली पुलिस के सूत्र ने सारी जानकारी दी है। सूत्र ने बताया कि दिल्ली पुलिस के पास अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है।

Reported By : Abhay Parashar Edited By : Shailendra Tiwari Published : May 31, 2023 14:16 IST, Updated : May 31, 2023 14:33 IST
Brij Bhushan Singh
Image Source : PTI बृजभूषण शरण सिंह

महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के विवाद के बीच लोगों के मन में यह सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर दिल्ली पुलिस भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रही है? सूत्रों की मानें तो अभी तक दिल्ली पुलिस के पास इतने सबूत ही नहीं हैं कि वह बृजभूषण की तरफ गिरफ्तारी का हाथ बढ़ा सके। इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने इंडिया टीवी को महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस के पास अभी तक कोई पुख्ता सबूत नहीं है, जिस कारण कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे है।

अगले 15 दिनों में होगा तय

दिल्ली पुलिस के सूत्र ने बताया कि पुलिस हर आरोपों कि गहनता से जांच कर रही है, चाहे कजाकिस्तान या रांची.. या जहां भी छेड़खानी के आरोप लगाए है, वहां जांच जारी है। जांच में अभी तक कोई फोटो, सीसीटीवी, विटनेस ऐसा नहीं मिला है। दिल्ली पुलिस बहुत जल्द अपनी जांच पूरी करेगी। सूत्र ने आगे जानकारी दी की जांच में ये तय हो जाएगा कि अगले 15 दिन में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी या फिर एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट। बता दें कि चार्जशीट का मतलब है कि केस में कुछ जान है, जांच की जरूरत है, फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर का मतलब कि केस में कुछ नहीं मिला है। इस केस को बंद कवर दिया जाना चाहिए ये जांच के बाद तय हो जाएगा।

नाबालिग के उम्र की चल रही जांच

नाबालिग से जुड़े सवाल पर सूत्र ने कहा एक पहलवान नाबालिग है या नहीं, इसको लेकर जांच जारी है, इसमें जो भी डेवलपमेंट होगा पॉक्सो कोर्ट में बता दिया जाएगा। अगर जांच में आएगा कि डॉक्यूमेंट्स के साथ छेड़खानी की गई है या गलत उम्र बताई गई है तो फेडरेशन चाहे तो इसमें एक्शन लिया जा सकता है, अभी इसे लेकर डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई किए जा रहे है। सूत्र ने आगे कहा कि पॉक्सो केस में भी कुछ जजमेंट है, जो केस रजिस्टर्ड है उसकी सजा 7 साल तक है, 7 साल तक कि सजा वाले केस में अगर कुछ सबूत मिलते भी है तो जजमेंट है। गिरफ्तारी की तुरंत जरूरत नहीं है।

इसके अलावा अभी जंतर मंतर पर संसद के उद्घाटन के दिन धारा 144 का उल्लंघन करने पर एफआईआर हुई है उसमें फिलहाल दिल्ली पुलिस का अभी खिलाड़ियों का बयान दर्ज करने का कोई प्लान नहीं है।

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