मात्र 36 साल की उम्र में भाजपा ने अन्नामलाई कुप्पुसामी को तमिलनाडु का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। इतनी छोटी-सी उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि, पुलिस की नौकरी से राजनीति में आए शख्स के लिए ये बड़ी बात थी। अन्नामलाई ने शुरुआत से ही आक्रामक राजनीति का सहारा लिया क्योंकि भाजपा राज्य में अपने सीमित प्रभाव का विस्तार करना चाहती थी। हालांकि अन्नामलाई के प्रदेश अध्यक्ष बनने से भाजपा को राज्य में कोई खास फायदा तो नहीं हुआ लेकिन वह अपने इस नेता के साथ आज भी पूरी तरह से साथ खड़ी है। अन्नाद्रमुक ने सोमवार, 25 सितंबर को भाजपा से गठबंधन तोड़ने का विधिवत एलान कर दिया और उसका पूरा ठीकरा अन्नामलाई पर फोड़ा। अन्नाद्रमुक के नेताओं ने तो ये तक कह दिया कि अन्नामलाई प्रदेश अध्यक्ष बनने के लायक नहीं हैं। एनडीए और अन्नाद्रमुक के गठबंधन टूटने के बाद भी भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष का साथ देने को तैयार है।
39 वर्षीय अन्नामलाई, जिन्होंने साल 2019 में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने का फैसला किया और भाजपा में शामिल होने के लगभग एक साल बाद जुलाई 2021 में राज्य भाजपा प्रमुख बन गए। अन्नामलाई का कद ऐसा है कि जुलाई में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तमिल में अन्नामलाई को थंबी (छोटा भाई) कहकर संबोधित किया था और उनके काम की प्रशंसा की थी।
एक आईपीएस ने क्यों राजनीति मे आने का किया फैसला
तमिलनाडु BJP अध्यक्ष अन्नामलाई ने कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। उसके बाद MBA करने वे IIM लखनऊ पहुंच गए। उत्तर प्रदेश को लेकर उनके मन में ऐसे विचार थे कि उन्होंने तब कहा था कि “ IIM लखनऊ मिलना मेरे लिए किसी सदमे से कम नहीं था। सुना था कि वहां, लोग 5 रुपये के लिए मर्डर तक कर देते थे. लेकिन जब मैं वहां गया तो मेरी ये सोच हमेशा के लिए बदल गई...' अन्नामलाई ने कहा ‘मैंने कभी इतनी गरीबी नहीं देखी थी। इसने मुझे झकझोर दिया और तब मैंने सोचा कि पैसा प्राथमिकता नहीं हो सकता। मैं एक ऐसा जीवन चाहता था, जहां मैं लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकूं। इसके लिए सिविल सेवा में जाने का सोचा और इसके लिए मैंने बहुराष्ट्रीय कंपनी में प्लेसमेंट के बजाय सिविल सेवा की परीक्षा दी। उन्होंने बताया कि आईएएस मेरी पहली पसंद थी, लेकिन मेरे नंबर कम आए और मैं आईपीएस बन गया। लेकिन मैं पुलिस की वर्दी में खुश था।’
किसान के परिवार से आते हैं अन्नामलाई
साल 2019 में पुलिस सेवा से इस्तीफा देते वक्त अन्नामलाई बेंगलुरु दक्षिण के डीसीपी थे। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था “मैंने 10 साल पुलिस की सेवा की लेकिन तब मुझे लगता था एक व्यक्ति अपने जीवन में सिर्फ़ तीन महत्वाकांक्षाएं पूरी कर सकता है। पुलिस सेवा में मुझे जो करना था वो मैंने हासिल कर लिया है लेकिन अब मैं इससे आगे का रास्ता तय करुंगा।” इसी सोच के साथ अन्नामलाई 25 अगस्त 2019 को बीजेपी में शामिल हुए। तमिलनाडु के करूर जिले से आने वाले और एक साधारण से किसान के परिवार में जन्मे अन्नामलाई कोंगु-वेल्लार जाति के हैं।
आखिर अन्नामलाई में ऐसा क्या है?
इस सवाल का जवाब ये है कि वे ईमानदार और अपने बेहतर काम के लिए जाने जाते हैं। इसके साथ ही भाजपा ने भी उन्हें एक ईमानदार नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की, जिन्होंने तमिलनाडु में स्वच्छ और भ्रष्टाचार मुक्त राजनीति के लिए आईपीएस की नौकरी तक छोड़ दी। जब उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी थी, तब वह बेंगलुरु दक्षिण के डिप्टी पुलिस कमिश्नर थे।
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