24 फरवरी 2023 को धूमनगंज में राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह वकील उमेश पाल की गोली और बम मारकर हत्या कर दी जाती है। इस घटना में अतीक अहमद के परिवार के सभी सदस्यों को आरोपी बनाया जाता है। इसी कड़ी में एनकाउंटर में अतीक के बेटे असद की एनकाउंटर में मौत हो जाती है। वहीं अतीक अहमद और अशरफ की शनिवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस दौरान गुड्डू मुस्लिम के नाम पर पूछे गए एक सवाल का अशरफ जवाब दे रहा था। तभी अशरफ और अतीक दोनों को गोली मार दी गई। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये गुड्डू मुस्लिम कौन है? आखिर ये गुड्डू मुस्लिम कौन है जो अतीक का खास है और उमेश पाल की हत्याकांड में भी शामिल था। धूमनगंज में 24 फरवरी को जो भी हुआ उसमें एक आदमी का नाम खूब सुनाई पड़ने लगा। वह नाम था बमबाज गुड्डू मुस्लिम। उमेश पाल के मर्डर का अगर आपने सीसीटीवी वीडियो फुटेज देखा है तो एक शख्स पर आपकी नजर जरूर टिकी होगी जो हाथ में एक झोला लिए हुए हैं और बड़े ही आराम से वह झोले से बम निकालकर फेंकता है और उमेश पाल को मारने का प्रयास करता है। लेकिन क्या आपको पता है वही बमबाज गुड्डू मुस्लिम कितना खतरनाक है। बमों के साथ गेंद की तरह खेलने वाला गुड्डू मुस्लिम कितना बड़ा अपराधी है अगर यह आप जान जाएंगे तो आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी। इस लेख में हम आपको गुड्डू मुस्लिम के बारे में बताने वाले हैं।
बदमाशी का शौक बचपन से
गुड्डू मुस्लिम का जन्म इलाहाबाद (प्रयागराज) में हुआ था। बदमाशी उसका शौक था। बाद में यही आगे चलकर उसका प्रोफेशन भी बन गया। स्कूल के दिनों से ही वह लूट और रंगदारी का काम करने लगा था। इसी दौरान वह एक के बाद एक कई बदमाशों और अपराधियों के संपर्क में आने लगा। बताया जाता है कि इसी समय से वह बम बनाने लगा। लेकिन उसकी बढ़ती बदमाशी से उसके घरवाले परेशान थे और उसे पढ़ाई करने के लिए लखनऊ भेजा। लेकिन यहां गुड्डू मुस्लिम अपराध करना शुरू कर दिया और इस दौरान उसकी मुलाकात पूर्वी उत्तर प्रदेश (पूर्वांचल) के दो बाहुबलियों से हुई। बाहुबली अभय सिंह और धनंजय सिंह दोनों ही लखनऊ विश्वविद्यालय में पढ़ाई करते थे।
अपने ही गेम टीचर की हत्या
खबरों की मानें तो गुड्डू मुस्लिम का नाम पहली बार तब चर्चा में आया था जब साल 1997 में उसने अपने लखनई के चर्चित लामार्टीनियर स्कूल के गेम टीचर फेड्रिक जे गोम्स की हत्या कर दी। इस मामले में गुड्डू की गिरफ्तारी भी हुई थी। इस मामले में गुड्डू के साथ राजा भार्गव और धनंजय सिंह को भी आरोपी बनाया गया था। जानकारों के मुताबिक गुड्डू ने इस दौरान अपना गुनाह तो कबूल कर लिया लेकिन पुलिस कोर्ट में गुड्डू को दोषी साबित नहीं कर पाई। नतीजा यह हुआ है कि कोर्ट में तीनों बरी हो गए।
छात्र नेताओं के बीच दुश्मनी का कारण बना गुड्डू
लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के दो नाम अभय सिंह और धनंजय सिंह की कहानी चर्चा में रहती है। दरअसल अभय और धनंजय सिंह के बीच दुश्मनी का अहम कारण बना था गुड्डू मुस्लिम। दरअसल गुड्डू मुस्लिम ने स्वीकार किया था उसने फैजाबाद के ठेकेदार संतोष सिंह की हत्या की थी। गुड्डू ने बताया कि उसने संतोष को जहर दिया और लाश को रायबरेली में ही छोड़ दिया। इसके बाद उसने संतोष की कार, राइफल और पैसे लूट लिए। इसी हत्या को लेकर धनंजय सिंह और अभय सिंह के बीच दुश्मनी शुरू हो गई। इस दुश्मनी को आज 26 साल हो गए हैं बावजूद दोनों के बीच यह दुश्मनी अब भी जारी है। इस दौरान लखनऊ विश्वविद्यालय में बाहुबली विधायक अजीत सिंह के नाम की भी तूती बोलती थी। अजीत सिंह को रेलवे मोबाइल टावर लगाने के सभी ठेके मिलते थे। धनंजय सिंह ने ठेकों को हासिल करना चाहते थे। इस काम को पूरा करने के लिए धनंजय सिंह ने गुड्डू मुस्लिम का सहारा लिया।
गुड्डू मुस्लिम ने अधिकारियों को दी धमकी
धनंजय सिंह को टेंडर मिले इस लिए गुड्डू मुस्लिम ने विभाग के अधिकारियों का अपहरण करना शुरू कर दिया। गुड्डू उन्हें जान से मारने की धमकी बी देता। बस फिर क्या था टेंडर अब गुड्डू के जरिए धनंजय सिंह को जाने लगे। टेंडर दिलाने के लिए लोग अब गुड्डू मुस्लिम को जाना जाने लगा। गुड्डू को बस इशारा करना होता कि यूपी में सरकारी टेंडर यहां से वहां होने लगे थे। साल 1997 में बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान गुड्डू ने एक राज्य निर्माण निगम के इंजीनियर को बीच सड़क पर गोलियों से भूनकर हत्या कर दी। इस हत्या में गुड्डू मुस्लिम के अलावा धनंजय सिंह को भी आरोपी बनाया गया था।
गुड्डू का गुरू है श्रीप्रकाश शुक्ला
जरायम (अपराध) की दुनिया में गुड्डू की मुलाकात एक समय पर यूपी के खूंखार और चर्चित माफिया श्रीप्रकाश शुल्का से हुई। गुड्डू समय के साथ श्रीप्रकाश शुक्ला का करीबी हो गया। गुड्डू श्रीप्रकाश शुक्ला को अपना गुरू मानने लगा। लेकिन जब श्रीप्रकाश शुक्ला का एनकाउंटर हो गया तो गुड्डू गोरखपुर के माफिया परवेज टाडा के संपर्क में आया। परवेज पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करता था। परवेज यहां नकली नोटों की तस्करी के लिए कुख्यात था। परवेज ने ही गुड्डू की मुलाकात श्रीप्रकाश शुक्ला से कराई थी। गुड्डू परवेज के लिए बम बनाता था। इसके बाद परवेज के जरिए ही गुड्डू की मुलाकात बिहार के चर्चित माफिया उदयभान सिंह से हुई। इसके बाद एक तरफ जहां गुड्डू को पुलिस ढूंढ रही तो गुड्डू बिहार भाग गया और उदयभान के लिए काम करने लगा। बिहार में भी गुड्डू ने कई कांड किए।
अतीक अहमद का खासमखास बना गुड्डू मुस्लिम
साल 2001 तक गुड्डू पर कई मुकदमें दर्ज हो चुके थे और यूपी पुलिस को गुड्डू की तलाश थी। इसी कड़ी में गोरखपुर पुलिस ने गुड्डू को पटना में गिरफ्तार किया। ऐसा बताया जाता है कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद प्रयागराज के माफिया अतीक अहमद ने ही उसे जेल से छुड़ाया था। जेल से निकलने के बाद गुड्डू अतीक अहमद का खास बन गया और अतीक के लिए काम करने लगा। इसके बाद वह अतीक के इशारे पर बड़े बड़े कारनामें करने लगा और पूरे गैंग की जिम्मेदारी भी संभालने लगा। अतीक अहमद के अधूरे काम को पूरा करना ही गुड्डू का अंतिम लक्ष्य बन गया। इसी कड़ी में साल 2005 में बसपा के विधायक राजू पाल की हत्या हो जाती है। इस हत्या में अतीक अहमद समेत कई लोगों को आरोपी बनाया जाता है। लेकिन इस हत्या में भी गुड्डू मुस्लिम का नाम सामने आता है। सीबीसीआईडी द्वारा गुड्डू को आरोपी बनाकर चार्जशीट दाखिल किया जाता है। इस दौरान जब पुलिस अतीक को गिरफ्तार करती है तो गुड्डू मुस्लिम अंडरग्राउंड हो जाता है। इस दौरान वह अपने पैसे को रीयल स्टेट में लगाना जारी रखता है। पैसे आते रहते हैं और अतीक के पूरे गैंग को वह ठीक तरीके से संभालता रहा।
उमेश पाल हत्याकांड में फिर दिखा बमबाज
उमेश पाल राजू पाल हत्याकांड मामले के इकलौते चश्मदीद गवाह थे। उनकी हत्या प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में दिन दहाड़े कर दी जाती है। इस दौरान कई राउंड्स गोलियां फायर की जाती है और फिर एक आदमी सफेद शर्ट में बेहद मामूली दिखता है और बाइक से उतरकर इधर उधर बम फेंकने लगता है। जान बचाकर जब उमेश पाल घर के अंदर भागे तो गुड्डू ने उनकी तरफ बम फेंका। उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के पूरे परिवार को आरोपी बनाया गया और अतीक के करीबियों पर भी हत्या का आरोप लगा। इस मामले में यूपी पुलिस ने अतीक के बेटे असद का एनकाउंटर कर दिया। वहीं बीते कल मेडिकल टेस्ट के लिए जा रहे अतीक और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई। गुड्डू मुस्लिम का नाम इस केस में सबसे ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। अशरफ और अतीक को जब गोली मारी गई इस दौरान अशरफ गुड्डू मुस्लिम के बारे में ही बोल रहा था। हालांकि खबर आई थी कि गुड्डू मुस्लिम का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया है लेकिन बाद में यूपी पुलिस ने इसे खारिज कर दिया