Aap ki Adalat: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि वे सफर करते हैं तो कौनसे गाने सुनना पसंद करते हैं। उन्होंने बताया कि किस तरह का संगीत सुनना उन्हें पसंद है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब कभी भी वे कार या हवाई जहाज में सफर करते हैं तो वे गजल सुनना पसंद करते हैं। फिल्मी गीतों में वे खासतौर पर ‘आशिकी‘ और ‘वीर जारा‘ फिल्म के गाने सुनना पसंद करते हैं। गायक मुकेश के गीत मुझे पसंद हैं, गजल गायक गुलाम अली मुझे पसंद हैं, उनके गीत मैं अक्सर सुनते रहता हूं।
नितिन गडकरी से जब ये पूछा गया कि क्या उन्हें अच्छा खाना पसंद है। क्या वे आज भी नागपुर की गलियों में चाट-पकौड़ी खाते हैं? इस पर केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि ‘मैं खाने का भी शौकीन हूं। घर में 4 शेफ हैं। खुद भी खाना पकाता हूं। लेकिन जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा है, इसलिए स्ट्रीट फूड खाने में दिक्कत होती है। जब उनसे पूछा गया कि उन्हें दिल्ली का स्ट्रीट फूड कैसा लगता है? उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि दिल्ली नहीं, मुंबई का स्ट्रीट फूड सबसे बेहतर है।
‘मतभेद होना चाहिए, मन भेद नहीं‘, नितिन गडकरी ने कही ये बात
इससे पहले ‘आप की अदालत‘ में नितिन गडकरी ने पॉलिटिक्स पर पूर्व प्रधानमंत्री अटलजी का यह उदाहरण बताया कि मतभेद होना चाहिए, मन भेद नहीं होना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे किस तरह के पॉलिटिशियन हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि ‘मैं कनविक्शन ओरिएंटेड पॉलिटिशियन हूं। प्रोफेशनल पॉलिटिशियन नहीं हूं। इमरजेंसी के खिलाफ जयप्रकाश नारायण जी के आंदोलन से मैं राजनीति में आया हूं। और राजनीति मेरा पेशा नहीं है। ये मेरा मिशन है। मैं किसी की चिंता नहीं करता। जो मेरे मन में होता है वो बात मैं कहता हूं और कभी मैंने जो बात कही, एक आध बार गलत कही होगी। तो मैं पब्लिकली कहता हूं कि मुझसे गलती हो गई।‘