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जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का खात्मा कब तक? पूर्व आर्मी चीफ ने किताब में दिया जवाब

पूर्व थल सेना प्रमुख ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि 5 और 6 अगस्त 2019 के ‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’ ने कश्मीर में आतंकवाद को करारा झटका दिया।

Edited by: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : December 22, 2021 19:44 IST
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Image Source : PTI REPRESENTATIONAL जनरल एनसी विज की किताब में जम्मू कश्मीर और वहां के लोगों के इतिहास के साथ विशेष दर्जा वापस लिए जाने तक की कहानी है।

Highlights

  • पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल एन. सी. विज ने अपनी किताब में एक समग्र तस्वीर प्रस्तुत करने की कोशिश की है।
  • विज ने कहा, एक आक्रामक स्थिति से पाकिस्तान और अलगाववादी अपने लिए लड़ने और बचाव करने तक सीमित हो गए हैं।
  • पूर्व आर्मी चीफ ने कहा, अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने से कश्मीरियों के लिए नयी दुविधा पैदा हो गई है।

नयी दिल्ली: पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल एन. सी. विज का कहना है कि कश्मीर में 2-3 साल के प्रतिरोध के बाद आतंकवाद धीरे-धीरे खत्म होना शुरू हो जाएगा और 8-10 साल की अवधि में इसके आतंकवाद के प्रभाव से मुक्त प्रदेश बन जाने की संभावना है। विज की एक किताब ‘द कश्मीर कॉनड्रम: द क्वेस्ट फॉर पीस इन ए ट्रबल्ड लैंड’ आई है, जिसमें उन्होंने एक समग्र तस्वीर प्रस्तुत करने की कोशिश की है। इसमें जम्मू कश्मीर और वहां के लोगों के इतिहास के साथ विशेष दर्जा वापस लिए जाने तक की कहानी है।

‘5 और 6 अगस्त के घटनाक्रम ने आतंकवाद को दिया झटका’

जम्मू-कश्मीर के बाशिंदे विज ने कहा, ‘इस क्षेत्र में आतंकवाद के जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है। इसमें 8 से 10 साल लग सकते हैं, लेकिन समय के साथ असर कम होने की संभावना है क्योंकि पाकिस्तान की शरारत करने की क्षमता भी कम हो जाएगी।’ पूर्व थल सेना प्रमुख ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि 5 और 6 अगस्त 2019 के ‘महत्वपूर्ण घटनाक्रम’ ने कश्मीर में आतंकवाद को करारा झटका दिया। ‘हार्पर कॉलिंस इंडिया’ द्वारा प्रकाशित किताब में विज ने कहा है, ‘एक आक्रामक स्थिति से पाकिस्तान और अलगाववादी अपने लिए लड़ने और बचाव करने तक सीमित हो गए हैं।’ 

‘कश्मीरियों के लिए नयी दुविधा पैदा हो गई है’
विज ने कहा, ‘साथ ही अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने से कश्मीरियों के लिए नयी दुविधा पैदा हो गई है। उन्होंने अपना विशेष दर्जा खो दिया है। इसने उन्हें हमेशा खुद को शेष भारत से अलग समझने के लिए प्रेरित किया था। अब उन्हें डर है कि वे अपने ही गृह राज्य में अल्पसंख्यक हो जाएंगे।’ विज ने यह भी कहा कि भारत ने पाकिस्तान को एक हताश स्थिति में पहुंचा दिया है और यह स्पष्ट हो गया है कि देश किसी भी क्षेत्र में, चाहे वह राजनयिक, आर्थिक या सैन्य क्षेत्र हो भारत से उसका कोई मुकाबला नहीं है।

‘पाकिस्तान पर कश्मीरियों की निर्भरता शायद बड़ी गलती थी’
विज ने कहा, ‘पाकिस्तान पर कश्मीरियों की निर्भरता शायद एक बड़ी गलती थी, जिसके लिए उन्होंने कीमत चुकाई है। वास्तव में, पाकिस्तान में शामिल होने या स्वतंत्र होने की उनकी इच्छा एक खोई हुई उम्मीद बन गई है।’ विज के मुताबिक, इन सभी कारकों को एक साथ रखने से निश्चित रूप से कश्मीरियों को अपने दृष्टिकोण और भविष्य के लक्ष्य के बारे में गंभीरतापूर्वक पुनर्विचार करना होगा।

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