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Pranab Mukherjee: जब 50-60 बंदरों का एक झुंड बंगले में घुस गया, तब प्रणब दा ने बेटी को दिया था ये जवाब

बेशक प्रणब मुखर्जी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के वफादार रहे हों लेकिन उनके देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बहुत अच्छे संबंध थे। प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में बताया था कि विदेश दौरे पर जाने से पहले पीएम मोदी उन्हें संबंधित देश से होने वाली चर्चा पर मुख्य बिंदुओं का विवरण देने वाला डिटेल नोट भेजते थे।

Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published : Aug 31, 2022 23:37 IST, Updated : Aug 31, 2022 23:37 IST
Pranab Mukherjee
Image Source : FILE PHOTO Pranab Mukherjee

Pranab Mukherjee: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने उस समय को याद किया जब सेवानिवृत्त होने के बाद उनके पिता का हरा-भरा बंगला एक बार ''बंदरों से भरा'' था। लेकिन उन्होंने बंदरों की इस घुसपैठ का बचाव करते हुए कहा कि इंसानों ने उनकी प्राकृतिक जगह ले ली है। उन्होंने अपने पिता की दूसरी पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में बुधवार को आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम के दौरान यह किस्सा साझा किया।

'हमने बंदरों की जगह ले ली है'

शर्मिष्ठा ने कहा, ''मेरे पिता एक पशु प्रेमी थे। पिता के राष्ट्रपति पद से सेवानिवृत्त होने के बाद हम 10, राजाजी मार्ग बंगले में चले गए थे। एक बार 50-60 बंदरों का एक झुंड घर के परिसर में घुस गया और कहर बरपाया। उन्होंने आम के पेड़ बर्बाद कर दिया और बाकी सब अस्त-व्यस्त कर दिया, लेकिन इस बारे में जब पिता को बताया, तो उन्होंने कहा, 'हमने उनकी जगह ले ली है'।'' उन्होंने बताया कि पिता जी ने आगे कहा, ''हम सब्जियां खरीद सकते हैं, लेकिन क्या वे बंदर बाजार से सब्जियां खरीद सकते हैं।''

बता दें कि प्रणब मुखर्जी ने 25 जुलाई 2012 को 13 वें राष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण किया था और जुलाई 2017 में 81 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हुए थे। तीन साल बाद 31 अगस्त 2020 को उनका निधन हो गया था।  सेवानिवृत्ति के बाद प्रणब मुखर्जी 11,776 वर्ग फुट क्षेत्र में फैले 10, राजाजी मार्ग हवेली में चले गए थे। भूतल में मुखर्जी के लिए एक पुस्तकालय और एक पढ़ने की जगह थी, क्योंकि वह एक अच्छे पाठक भी थे।  

PM मोदी के बारे में प्रणब मुखर्जी क्या सोचते थे?
वहीं, आपको बता दें कि बेशक प्रणब मुखर्जी लंबे समय तक कांग्रेस पार्टी के वफादार रहे हों लेकिन उनके देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बहुत अच्छे संबंध थे। प्रणब मुखर्जी ने अपने संस्मरण में बताया था कि विदेश दौरे पर जाने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी उन्हें संबंधित देश से होने वाली चर्चा पर मुख्य बिंदुओं का विवरण देने वाला डिटेल नोट भेजते थे और उनके साथ चर्चा करते थे। मुखर्जी की किताब- The Presidential Years में कहा गया है, "वह मुझे एक पत्र भेजते थे, जिसमें हमारे द्विपक्षीय संबंधों के मुख्य बिंदुओं का उल्लेख होता था। यह पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई एक प्रथा थी।"

किताब में प्रणब मुखर्जी ने खुलासा किया कि साल 2015 में रूस की उनकी यात्रा से पहले, "मुझे पीएम मोदी ने सलाह दी थी कि असैन्य परमाणु सहयोग और अंतरिक्ष से लेकर रक्षा हार्डवेयर देने की प्रक्रिया, जिसमें सुखोई -30 और अन्य संवेदनशील उपकरण शामिल हैं, के साथ-साथ उच्च शिक्षा जैसे पहलुओं पर विस्तृत चर्चा (राष्ट्रपति व्लादिमीर) की जाए।" मुखर्जी का यह भी मानना था कि मोदी ने अपने पूर्ववर्ती के विपरीत प्रधानमंत्री पद मेहनत से कमाया और हासिल किया था।

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