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APJ Abdul Kalam: जब अब्दुल कलाम ने दोस्तों की सलाह पर RSS मुख्यालय का दौरा किया रद्द

APJ Abdul Kalam: 15 अक्टूबर को 'मिसाइल मैन' और पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती मनाई जाती है। आज पूरा देश 'मिसाइल मैन' को याद कर रहा है। ऐसे में कलाम की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां एक नई किताब 'कलाम: द अनटोल्ड स्टोरी' से सामने आई हैं।

Edited By: Malaika Imam @MalaikaImam1
Published : Oct 15, 2022 19:47 IST, Updated : Oct 15, 2022 19:47 IST
APJ Abdul Kalam Birth Anniversary
Image Source : FILE PHOTO APJ Abdul Kalam Birth Anniversary

Highlights

  • अब्दुल कलाम को दोस्तों ने किया था आगाह
  • RSS मुख्यालय के एक दौरा को किया था रद्द
  • 'कलाम: द अनटोल्ड स्टोरी' से जानकारी आई सामने

APJ Abdul Kalam: देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुख्यालय का अपना एक दौरा इसलिए रद्द कर दिया था, क्योंकि उनके दोस्तों ने उन्हें आगाह किया था कि अगर उन्होंने ऐसा किया, तो उनकी छवि 'संघ से सहानुभूति' रखने वाले की बन जाएगी। कलाम की जिंदगी से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियों पर आधारित एक नई किताब 'कलाम: द अनटोल्ड स्टोरी' में यह जानकारी सामने आई है। 

संघ ने प्रस्तावित यात्रा का प्रचार भी किया था

यह किताब कलाम के निजी सचिव रहे आर के प्रसाद ने लिखी है। उन्होंने अपनी इस पुस्तक में दावा किया है कि इस दौरे को लेकर कलाम की पशोपेश की स्थिति ने आरएसएस (RSS) नेतृत्व को नाराज कर दिया था, क्योंकि संघ ने इसकी पूरी तैयारी की थी। उसकी ओर से कलाम की इस प्रस्तावित यात्रा का प्रचार भी किया गया था। 

एक महीने बाद RSS मुख्यालय का किया दौरा

कलाम ने आखिरकार तारीख के एक महीने बाद आरएसएस मुख्यालय का दौरा किया और एक प्रशिक्षण सत्र को संबोधित किया, जिस पर उन्होंने शुरू में सहमति व्यक्त की थी। हालांकि, इस अवसर पर आरएसएस के शीर्ष पदाधिकारियों में से कोई भी मौजूद नहीं था। आर के प्रसाद ने पुस्तक में लिखा, ''मई 2014 में, हमारे कार्यालय को आरएसएस के महासचिव राम माधव से एक निमंत्रण मिला। वे चाहते थे कि पूर्व राष्ट्रपति कलाम आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में एक प्रशिक्षण शिविर में युवा आरएसएस स्वयंसेवकों को संबोधित करें।'' 

राम माधव बाद में एपीजे अब्दुल कलाम से मिले

आर के प्रसाद वर्ष 1995 से लेकर 2015 तक कलाम के निजी सचिव रहे थे। प्रसाद ने पुस्तक में लिखा, ''यह शिविर 12 जून को समाप्त होना था, और वे चाहते थे कि कलाम उनके लिए सुविधाजनक तिथि पर उससे पहले आरएसएस मुख्यालय का दौरा करें। राम माधव बाद में कलाम से मिले, और यह निर्णय लिया गया कि पूर्व राष्ट्रपति प्रशिक्षण शिविर के दिन आरएसएस मुख्यालय में कार्यक्रम में भाग लेंगे।'' 

'RSS उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर सकता है'

हालांकि, अपने कुछ दोस्तों से मिली जानकारियों और सलाह के बाद कलाम ने अपना विचार बदल दिया। प्रसाद के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति के दोस्तों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि यदि वह आरएसएस मुख्यालय का दौरा करते हैं, तो उनकी छवि 'आरएसएस से सहानुभूति' रखने वाले के रूप में बन जाएगी और आरएसएस उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर सकता है। 

नेताओं के साथ संबंध, कुछ विवादों के पीछे की सच्चाई

ब्लूम्सबरी की ओर से प्रकाशित यह पुस्तक 'कलाम: द अनटोल्ड स्टोरी' पूर्व राष्ट्रपति के रसूखदार व्यक्तियों सहित नेताओं के साथ संबंधों और कुछ विवादों के पीछे की सच्चाई पर नई रोशनी डालती है। कलाम 2002 से 2007 तक भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे और सादे रहन-सहन के साथ पक्षपात रहित आचरण के लिए विभिन्न लोगों व राजनीतिक दलों के बीच उनका काफी सम्मान किया जाता है। उन्हें राष्ट्रपति भवन का द्वार आम जनता के लिए खोलने का श्रेय भी दिया जाता है। 

 

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