Highlights
- 32 फीसदी युवा बढ़ती हुई महंगाई से परेशान है
- इस ट्रेंड के बाद अमेरिका में 20 लाख लोगों ने अपनी नौकरियां छोड़ दी
- इस कल्चर में काम को नहीं छोड़ना है
Quit Quitting: इस समय दुनियाभर में Quit quitting का कल्चर तेजी से अडॉप्टेशन किया जा रहा है। विश्वभर में युवा बढ़ती तनाव और काम के दबाव के कारण जॉब छोड़ रहे हैं। ऐसे कई जॉब को छोड़कर बैठने वाले युवाओं ने बताया कि दफ्तर में उनके मुताबिक माहौल नहीं है और काम का प्रेशर अधिक रहता है। जिसके कारण इंसान डिप्रेशन में चला जाता है। युवाओं ने बताया कि काम का लोड इतना अधिक दे दिया जाता है कि काम और परिवारिक का संतुलन नहीं बना पाते हैं। इस वजह से पारिवारिक रिश्ते भी खराब हो रहे हैं। Quit quitting कल्चर को लेकर युवाओं ने बताया कि हमे उतना ही काम करने की जरुरत है, जितनी हमारी सैलरी है। अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि यह Quit quitting कल्चर क्या है, सबसे पहले इसका ट्रेंड कहां पर चला। तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
परिवार और खुद के लिए टाइम नहीं
कई ऐसे नौकरी पेशवर लोगों ने बताया कि काम आजकल इतना अधिक हो गया है कि घर पर जाने के बाद भी काम का लोड बना रहता है। ऐसे में दफ्तर के बाद भी घर पर जाकर काम करना पड़ता है। जिसके कारण घर पर रहने के बावजूद भी परिवार या अपने लिए समय नहीं निकाल पाते हैं। अगर महीने के अंत में सैलरी आ भी जाती है तो समय नहीं है कि उन पैसों से अपने परिवार के साथ कहीं छुट्टी पर चले जाएं। इसी तरह का ट्रेंड 'TheGreat Resignation' भी चला था हालांकि Quit quitting इससे अलग है।
दोनों में अंतर क्या है?
Quit quitting में बताया जा रहा है कि जितनी आपकी सैलरी है उतने ही कंपनी को समय देने की जरुरत है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि सबसे पहली बात है कि आपकी सैलरी कम है अगर उसके मुताबिक आप 8 घंटे के बजाय 12 से 16 घंटे काम कर रहे हैं तो आप अपना पर्सनल लाइफ खत्म कर रहे हैं। इसके अलावा ऑफिस में चाहे जितना भी हो काम हो आप अपने समय के मुताबिक काम खत्म करें। अगर काम पूरा नहीं होता है और आपकी छुट्टी की समय हो जाती है तो आप अपने घर निकल जाए, वो काम कल होगा। कर्मचारियों को इस बात की परवाह नहीं होनी चाहिए कि उनके बॉस इस बात से खुश होंगे या नाराज। जबकि 'TheGreat Resignation' में काम के अधिक दबाव से लोग तुरंत नौकरी छोड़ रहे थे लेकिन इस कल्चर में काम को नहीं छोड़ना है।
इसकी शुरुआत कहां से हुई?
इस कल्चर की शुरुआत शॉर्ट वीडियो ऐप टिक-टॉक से शुरू हुई। इस ट्रेंड को एक टिक-टॉक इनफ्लुएंसर ने शुरू किया था। उसने वीडियो के माध्यम से लोगों को बताया कि अगर आप काम का ज्यादा प्रेशर ले रहे हैं तो आप Quit quitting को जरूर अपनाएं, जिसके बाद से लाखों की संख्या में लोग जुड़ते चले गए। टिक टॉक इनफ्लुएंसर ने अपनी वीडियो में बताया कि कैसे ऑफिस के अंदर काम करें। इनफ्लुएंसर ने बताया कि हमने खुद Quit quitting को अपनाया है। अब मैं समय से अपने दफ्तर जाता हूं और घर समय से लौट जाता हूं।
कितने लोगों ने नौकरियां छोड़ दी
इस ट्रेंड के बाद अमेरिका में 20 लाख लोगों ने अपनी नौकरियां छोड़ दी। वहीं ब्रिटेन में लगभग 20 फ़ीसदी से अधिक कर्मचारी अगले साल नौकरी छोड़ना चाहते हैं। जो लोग फिलहाल नौकरी कर रहे हैं, वो अब अपने बॉस इसको ना कहने की आदत डाल चुके हैं। ब्रिटेन में लोग समय से काम कर रहे हैं। कुछ पेशवर लोगों ने बताया कि इस कल्चर से लोगों के ना कहने की हिम्मत मिली है। इसका असर अमेरिका और ब्रिटेन में काफी देखने को मिल रहा है।
अध्ययन में हुआ खुलासा
एक अध्यन में पाया गया कि 32 फीसदी युवा बढ़ती हुई महंगाई से परेशान है। खासतौर पर ट्रांसपोर्ट और घरेलू सामानों के दाम आसमान छू रहे है। ये अध्यन 46 देशों के 23 हजार युवाओं पर किया गया। वही 47 प्रतिशत युवाओं का कहना है कि जितनी सैलरी है उतनी ही खर्च है। जिसके वजह से डर लगता है कि अगर कल कुछ हो जाए तो हमारे पास सेविंग भी नहीं होती। ऐसे परिस्थिति में सड़क पर आ जायेंगे। इसी अध्यन में पाया गया कि युवा इन सभी कारणों से डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं।