Highlights
- अली के हरकत से बच्ची पूरी तरह से डर गई थी
- बच्ची के परिजन सुनकर हैरान हो गए
- निर्भया कांड के बाद डिजिटल रेप शब्द सुनने को मिला
Digital Rape: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के जिला अदालत ने 65 साल के अली को डिजिटल रेप के मामले में दोषी माना है। अली अकबर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई इसके वाला उसके ऊपर 50 हजार का जुर्माना लगाया गया। आपको बता दें कि ये भारत का पहला ऐसा डिजिटल रेप का मामला है, जिसमें आरोपी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।
अली को उम्र कैद की सजा क्यों मिली?
यह पूरा वाकया 21 जनवरी 2019 का है। जहां पश्चिम बंगाल का रहने वाला अली उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर- 45 में अपनी बेटी से मिलने आया था। वो सेक्टर- 45 के सलारपुर गांव में रहती थी, जहां पर अली उससे मुलाकात करने आया था। उसी दौरान अली ने पड़ोस में रहने वाली 3 साल की छोटी बच्ची को टॉफी देकर उसके साथ डिजिटल रेप किया। अली के हरकत से बच्ची पूरी तरह से डर गई थी। कुछ देर बाद ही उसके माता-पिता ढूंढने लगे तो बच्ची डरी हुई हालात में मिली। बच्ची ने अपने माता पिता को पूरी कहानी बताई।
परिजन ने क्या किया?
बच्ची के परिजन सुनकर यह हैरान हो गए। उन्हें विश्वास नहीं था कि 65 साल का बुजुर्ग व्यक्ति 3 साल की बच्ची के साथ ऐसा घिनौना काम कर सकता है। परिजन आनन-फानन में थाने में केस दर्ज कराई। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए तुरंत अली को 376(2) च के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके अलावा पुलिस ने 65 साल के बुजुर्ग अली के ऊपर कई गंभीर धाराएं लगाएं।
ये डिजिटल रेप है क्या?
आपके मन में कई सवाल पैदा हो रहे होंगे कि आखिर यह डिजिटल रेप क्या है। आप यह सोच रहे होंगे कि कोई आधुनिक तरीके से अली ने रेप किया होगा। इसका माध्यम इंटरनेट या कोई सोशल मीडिया हो सकता है। डिजिटल शब्द से आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप बिल्कुल गलत है। आपको बता दें कि डिजिटल रेप में डिजिट का अर्थ होता है अंगूठा, उंगली या पैर का अंगूठा। डिजिटल रेप एक ऐसा घिनौना अपराध है, जिसमें बिना इजाजत के इंसान किसी के साथ अपनी उंगलियों या पैर के अंगूठे से पेंट्रेशन करता हो।
डिजिटल रेप को लेकर बना कानून
निर्भया कांड के बाद डिजिटल रेप शब्द सुनने को मिला। निर्भया रेप कांड के बाद कानून बनाने के लिए पेश किया गया, जिसमें डिजिटल रेप भी शामिल किया गया। इसमें बताया गया है कि हाथ की उंगली या अंगूठे से जबरदस्ती पेनिट्रेशन करना भी यौन अपराध है। इसे सेक्शन 375 और पोक्सों एक्ट की श्रेणी में रखा गया। आपको बता दें, 2013 से पहले छेड़खानी या डिजिटल रेप को लेकर कोई ठोस कानून नहीं था लेकिन निर्भया रेप कांड के बाद डिजिटल रेप को भी पोक्सो एक्ट के अंदर शामिल किया गया।
कितने मामले अब तक आए हैं?
डिजिटल रेप में पहली बार किसी को दोषी माना गया है जिसके बाद अकबर को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। आपको बता दें कि अगस्त के महीने में नोएडा फेस-3 थाना क्षेत्र में एक ऐसा ही वारदात सामने आया था, जहां 50 वर्षीय मनोज लाल ने 7 माह की बच्ची के साथ घिनौना काम किया था जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। वही नोएडा एक्सटेंशन में जून के महीने में एक घटना सामने आए थे, जिसमें पिता पर अपने 5 साल के बच्ची के साथ डिजिटल रेप करने का आरोपी माना गया था। इस मामले में भी पीड़िता की मां ने थाने में केस दर्ज कराया था। ग्रेनो वेस्ट के एक प्ले स्कूल में भी ऐसा घटना देखने को मिला था जहां एक इनकम टैक्स अधिकारी ने 3 साल की बच्ची के साथ घिनौना काम किया था।