Weather Update: देश के मौसम में इन दिनों चक्रवाती तूफान मंदौस ने कहर बरपाया हुआ है। दक्षिण के कई राज्यों में इन दिनों भारी बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने तमिलनाडु, केरल, तेलंगाना, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में 11 से 13 दिसंबर तक भारी बारिश होने की संभावना जताई है।
आईएमडी ने केरल के 11 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम और पठानमथिट्टा जिलों को छोड़कर राज्य के सभी जिलों में हल्की से भारी बारिश की चेतावनी दी है। मछुआरों को चेतावनी दी गई है कि वे मंगलवार तक समुद्र में न जाएं, क्योंकि समुद्र में उथल-पुथल रहेगी और ऊंची लहरें भी उठ सकती हैं।
कलेक्टरों को अलर्ट पर रहने के निर्देश
केरल के कई इलाकों में शनिवार रात से भारी बारिश हो रही है। राज्य के कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका को देखते हुए राजस्व विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। पुलिस और अग्निशमन एवं बचाव सेवा विभाग ने भी किसी भी घटना के लिए कमर कस ली है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमों को सतर्क कर दिया गया है और वे प्रत्येक जिला मुख्यालय पर तैनात होंगी। राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) की कई कंपनियां भी किसी भी संकट का सामना करने के लिए तैयार हैं।
हैदराबाद और उसके बाहरी इलाकों में बारिश
वहीं, तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद और उसके बाहरी इलाकों में रविवार को रुक-रुककर बारिश हुई, जिससे दिन के तापमान में और गिरावट आई। शुक्रवार को तमिलनाडु तट को पार करने वाले चक्रवाती तूफान मंदौस के प्रभाव में शहर में सुबह से हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। तेलंगाना की राजधानी और आस-पास के जिलों में पिछले कुछ दिनों से छाए काले बादलों और बूंदाबांदी ने मौसम में ठंडक बढ़ा दी है। ज्यादातर लोगों ने घर के अंदर ही रहना पसंद किया।
बशीरबाग, लिबर्टी, हिमायत नगर, नारायणगुडा, लकड़ी का पुल, नामपल्ली, कोटी, सुल्तान बाजार, सैदाबाद, चंपापेट, सरूरनगर और राजेंद्रनगर जैसे इलाकों में बारिश हुई। इस बीच, आईएमडी ने अगले तीन दिनों में हल्की से मध्यम बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान लगाया है।
आईएमडी हैदराबाद केंद्र के मुताबिक, तेलंगाना के कुछ जिलों में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बिजली गिरने की संभावना है। तमिलनाडु तट को पार करने के बाद, मंदौस कमजोर हो गया और उत्तर आंतरिक तमिलनाडु और आस-पास के दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और उत्तर केरल में कम चिन्हित क्षेत्रों में आगे बढ़ गया।