Highlights
- पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में होगी तेज बारिश
- अब जून में प्री-मानसून एक्टिवटी की संभावना भी कम
- हिमाचल प्रदेश में छिटपुट बारिश होने की संभावना
Weather Update: दिल्ली-NCR क्षेत्र में आसमान में बादल छाए हुए हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार दिल्ली-NCR के कई हिस्सों में हल्की बारिश होने का अनुमान है। दक्षिण-पश्चिम मानसून केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक के कई हिस्सों में पहुंच चुका है। लेकिन, उत्तर भारत के लोगों को साल की पहली मानसूनी बारिश के लिए जून के अंत तक का इंतजार करना होगा। हालांकि, IMD 103 प्रतिशत बारिश का अनुमान जता चुका है।
IMD ने दिल्ली में हल्की बारिश की भविष्यवाणी की है। साथ ही मौसम विभाग ने अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना जताई है। गुरुवार को दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 26.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। IMD ने कहा कि इन मौसम संबंधी परिस्थितियों के प्रभाव में शुक्रवार तक हिमाचल प्रदेश में छिटपुट बारिश होने की संभावना है।
पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में होगी तेज बारिश
मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग ने यह भी कहा कि शुक्रवार तक क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो गई हैं।
मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में गंगीय पश्चिम बंगाल में गरज के साथ भारी बारिश और तेज हवाओं का पूर्वानुमान लगाया है। IMD ने कहा कि अगले कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल, सिक्किम और उत्तर-पूर्व में छिटपुट भारी बारिश के साथ पूर्वोत्तर के राज्यों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों में सिक्किम और पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश का अनुमान जताया है। असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश होगी।
अब जून में प्री-मानसून एक्टिवटी की संभावना भी कम
इस बार अन्य वर्षों की तुलना में नौतपा कम तपा है तो प्री-मानसून एक्टिविटी भी कम होगी, जून में ज्यादा बारिश होने की संभावना भी कम है। जून के दूसरे हफ्ते से ही थोड़ी बहुत प्री-मानसून एक्टिविटी की संभावना है।
जानिए क्या है नौतपा
मौसम विशेषज्ञ एके शुक्ला के बताते हैं- नौतपा, यानी मानसून के पहले की तेज गर्मी। इसके पड़ने से हवा गरम होकर ऊपर उठ जाती है। ऊपर उठने के बाद जो जगह खाली होती है उसे भरने के लिए समुद्र से नमी वाली, यानी दक्षिण-पश्चिम हवाएं आती हैं, जिसके कारण कोई सिस्टम या बादल बनते हैं। फिर इनसे ही बारिश होती है।