Highlights
- 200 मिमी से अधिक बारिश होने की चेतावनी
- भारी बारिश के बाद कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
- तटीय कर्नाटक की नदियों में भी बाढ़ की स्थिति
Weather Update: ओडिशा के कुछ हिस्सों में रविवार को बहुत भारी बारिश हुई और बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाले दबाव वाले क्षेत्र के कारण ओडिशा और पड़ोसी पश्चिम पश्चिम बंगाल में अगले दो से तीन दिन के दौरान और बारिश होने का अनुमान है। मौसम कार्यालय ने कहा कि शनिवार को बना निम्न दबाव क्षेत्र ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों से दूर उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी के ऊपर केंद्रित हो गया है।
48 घंटों में ओडिशा व छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ने का अनुमान
भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि अगले 48 घंटों के दौरान इसके जोर पकड़ने और उत्तर-पश्चिम में ओडिशा और छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ने का अनुमान है। मौसम विभाग ने बताया कि सोमवार सुबह तक कालाहांडी और रायगढ़ा जिलों में कुछ स्थानों पर 200 मिमी से अधिक बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। उन्होंने बताया कि मौसम की इस प्रणाली से पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान में भी भारी बारिश के आसार है। मौसम विभाग के मुताबिक एक जून को मानसून आने के बाद से अबतक पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदान में औसत से 46 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
ओडिशा के नवरंगपुर में 126 मिमी बारिश दर्ज
इस बीच, एक बुलेटिन के अनुसार रविवार को सुबह 8.30 से शाम 5.30 बजे के बीच ओडिशा के नवरंगपुर में 126 मिमी बारिश दर्ज की गई। इसके बाद मलकानगिरि में 44 मिमी बारिश हुई। वहीं कालाहांडी के भवानीपटना में 36 मिमी जबकि कोरापुट में 26 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी में 45 से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने व खराब मौसम होने की आशंकाओं के मद्देनजर मछुआरों को गुरुवार तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी है। मौसम वैज्ञानिक ने सोमवार को ओडिशा के खुर्दा, पुरी, रायगढ़ा, कालाहांडी, गजपति, गंजाम, नयागढ़, कंधमाल, नबरंगपुर, मल्काजगिरि और कोरापुट में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना के चलते ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है।
झारखंड में भारी बारिश का अनुमान
झारखंड में सोमवार से अगले तीन दिनों के दौरान कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार से भारी बारिश होने की संभावना है और यह मंगलवार और बुधवार को और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा, ''वर्तमान में एक निम्न दबाव का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम और ओडिशा से सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी और उससे सटे उत्तरी आंध्र प्रदेश के तटों पर स्थित है।'' रांची मौसम विज्ञान केंद्र के प्रभारी अभिषेक आनंद ने भाषा को बताया, ''अगले 48 घंटों के दौरान ओडिशा तट के करीब बंगाल की खाड़ी में बन रहे कम दबाव के क्षेत्र के चलते झारखंड के लगभग सभी इलाकों में सोमवार से अगले कई दिनों तक तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा होने की संभावना है।''
भारी बारिश के बाद राज्य की कई नदियों का जलस्तर बढ़ा
कर्नाटक के विभिन्न इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से कई नदियों का जलस्तर बढ़ गया है जिससे खासतौर पर तुंगा और तुंगभद्र नदियों के किनारे बसे गांवों को खतरा उत्पन्न हो गया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि जलसंग्रह क्षेत्र में भारी बारिश और विजयनगर में जल के तेज बहाव के बाद कम से कम एक लाख क्यूसेक पानी तुंगभद्र बांध से तुंगभद्र नदी में छोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि तुंगभद्र बांध में जल संचय क्षमता 1,633 फुट है जबकि 1,631 फुट पानी पहले ही संचय हो चुका है। संतुलन बनाए रखने के लिए एक लाख क्यूसेक पानी बांध से छोड़ा गया है जिससे बांध के निचले बहाव क्षेत्र में रहने वाले लोगों के बीच बाढ़ आने का भय व्याप्त हो गया है। अधिकारियों ने नदी के किनारे रहने वाले लोगों के लिए अलर्ट जारी किया है।
तटीय कर्नाटक की नदियों में भी बाढ़ की स्थिति
उन्होंने बताया कि बांध के कुल 33 दरवाजों में से 30 दरवाजों को रविवार को खोला गया जिससे विजयनगर सम्राज्य काल के दौरान निर्मित हंपी के कई ऐतिहासिक स्थल भी डूब गए हैं। जल संसाधन विभाग के सूत्रों ने बताया कि भद्रावती, घाटप्रभा, मालाप्रभा, कृष्णा, कावेरी, काबिनी, हेमवती, सुपा और वराही नदियों के साथ-साथ उनकी सहायक नदियां भी उफान पर हैं। उन्होंने बताया कि तटीय कर्नाटक की नदियों में भी बाढ़ की स्थिति है और इनपर बने बांध पहले ही पानी से लबालब भरे हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पश्चिम बंगाल की खाडी और ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तट पर कम दबाव का क्षेत्र बना है जिससे बारिश की अनुकूल स्थिति पैदा हुई है।