मौसम विभाग ने गुरुवार (29 अगस्त) को देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। गुजरात में भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं, ओडिशा और कर्नाटक में ऑरेंज अलर्ट है। लगभग 14 राज्यों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के रेड अलर्ट जारी करने पर स्थानीय लोगों को और प्रशासन को पहले से तैयारी करनी जरूरी होती है। निचले इलाकों को खाली कर दिया जाता है और लोग किसी भी ऐसे स्थान पर नहीं रुकते हैं, जहां वह बाढ़ जैसे हालातों में फंस जाएं। क्योंकि यह अत्यधिक बारिश की स्थिति में जारी किया जाता है। वहीं, ऑरेंज अलर्ट में किसी भी स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा जाता है, ताकि जरूरत पड़ने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा जा सके। येलो अलर्ट में लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है और हालात के अनुसार उन्हें तैयारी करनी होती है।
फिलहाल गुजरात में बाढ़ के खतरे के बीच रेड अलर्ट जारी किया गया है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में येलो अलर्ट है। दिल्ली में आसमान में मुख्य रूप से बादल छाए रहने के साथ मध्यम तीव्रता की बारिश होने की संभावना है।
हिमाचल प्रदेश में अलर्ट
हिमाचल बारिश मौसम विभाग ने गुरुवार को किन्नौर और लाहौल-स्पीति को छोड़कर राज्य के 12 में से 10 जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश, आंधी और बिजली चमकने को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। मंगलवार शाम से पिछले 24 घंटों में राज्य के कई हिस्सों में मध्यम बारिश हुई। मनाली में 42 मिलीमीटर, नारकंडा में 41.5 मिमी और कुफरी में 39.6 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, मंगलवार सुबह राज्य में कुल 126 मार्ग बंद थे। हिमाचल प्रदेश में 27 जून को मानसून के आगमन के बाद से अब तक वर्षा में 23 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है तथा राज्य में 598.4 मिमी औसत बारिश के मुकाबले 461.1 मिमी वर्षा हुई है। अधिकारियों ने बताया कि मानसून की शुरुआत से लेकर सोमवार तक बारिश से संबंधित घटनाओं में 144 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 1,217 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
गुजरात में बारिश से 19 और लोगों की मौत
बुधवार को गुजरात में बारिश से संबंधित घटनाओं में 19 और लोगों की मौत हो गई, जिससे ऐसी घटनाओं में तीन दिन में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 17,800 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। जान गंवाने वालों में वे सात लोग शामिल हैं, जो रविवार को मोरबी जिले के हलवद तालुका के धवना गांव के पास एक पुल को पार करते समय एक ट्रैक्टर ट्रॉली के बह जाने के बाद लापता हो गए थे। वडोदरा में बारिश थमने के बावजूद, शहर से होकर बहने वाली विश्वामित्री नदी के अपने तटों को तोड़कर आवासीय इलाकों में प्रवेश कर जाने से निचले इलाकों में जलजमाव हो गया और इमारतें, सड़कें और वाहन पानी में डूब गए। मौसम विज्ञान विभाग ने गुरुवार को सौराष्ट्र क्षेत्र के जिलों के अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश का अनुमान जताया है।
वडोदरा में 5000 लोगों का रेस्क्यू
अधिकारियों ने बताया कि वडोदरा शहर में अपने घरों और छतों में फंसे लोगों को राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), और सेना की तीन टुकड़ियों ने निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। मंत्री ऋषिकेश पटेल ने मीडियाकर्मियों को बताया कि वडोदरा में अब तक 5,000 से अधिक लोगों को निकाला गया और 1,200 अन्य लोगों को बचाया गया है। बुधवार को शहर में सेना की तीन अतिरिक्त टुकड़ियां और एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की एक-एक टुकड़ियां तैनात की गईं। मुख्यमंत्री पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ का पानी कम होते ही वडोदरा शहर में सफाई उपकरण तैनात किए जाएं और कीटाणुनाशक का छिड़काव किया जाए। उन्होंने निर्देश दिया कि इस उद्देश्य के लिए अहमदाबाद और सूरत के नगर निगमों और भरूच और आणंद की नगर पालिकाओं से टीमों को वडोदरा में तैनात किया जाए। मुख्यमंत्री ने वडोदरा में बचाव और राहत कार्यों में प्रशासन की सहायता के लिए एनडीआरएफ की पांच अतिरिक्त टीमों और सेना की चार टुकड़ियों को तैनात करने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद और सूरत से बाढ़ प्रभावित शहर में अतिरिक्त बचाव नौकाएं भी भेजी जानी चाहिए।
वायुसेना भी चला रही राहत अभियान
अधिकारियों ने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के अलावा सेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बारिश से तबाह हुए इलाकों में बचाव और राहत अभियान चला रहे हैं, जिसमें अब तक करीब 17,800 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया गया है और 2,000 लोगों को बचाया गया है। राज्य में 140 जलाशय और बांध तथा 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बारिश के कारण यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हुई है, क्योंकि सड़कें और रेलवे लाइन जलमग्न हो गई हैं। 206 बांधों में से 122 को उनके जलस्तर में तेज वृद्धि के कारण हाई अलर्ट पर रखा गया है। पश्चिमी रेलवे के अहमदाबाद मंडल ने कहा कि 48 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं, 14 आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं और छह को बीच में ही रोक दिया गया। अन्य 23 रेलगाड़ियों का मार्ग परिवर्तन किया गया। (इनपुट- पीटीआई भाषा)
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