रामनवमी और लोकसभा चुनाव को लेकर धनबाद पुलिस अलर्ट पर है। किसी भी आपातकालीन परिस्थिति से निपटने को लेकर पुलिस लाइम में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान किस तरह से भीड़ को नियंत्रित किया जाता है, पुलिस जवानों ने इसका अभ्यास किया। सार्जेंट मेजर के नेतृत्व में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था। इस मौके पर डीएसपी मुख्यालय 1 और सीसीआर डीएसपी मौजूद रहे। हालांकि मॉक ड्रिल ने पुलिस की तैयारी की पोल खोलकर रख दी। इस दौरान आंसू गैस फायर किया गया, लेकिन हथियार से फायर नहीं हो पाया। अंत में एक दूसरी गन से आंसू गैस का गोला चला वह भी सड़क पर जाकर गिरा और आंसू गैस नहीं निकली।
कैसे हुई मॉक ड्रिल?
उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस के ही कुछ लोग उपद्रवी बने और कुछ पुलिस वाले बनकर उन्हें रोकने में जुटे। एक तरफ से नारेबाजी करते हए उप्रदवी भीड़ पहुंची, तो दूसरी तरफ कमान संभाले पुलिस वाले थे। दोनों पक्षों से जमकर मशक्कत हुई। कई लोग जख्मी बनकर गिर गए, तो उन्हें पुलिस वाहनों पर लादकर अस्पताल भेजने का काम किया गया। भीड़ को भगाने के लिए आंसू गैस छोड़ने की कोशिश हुई, लेकिन उस गन से फायर नहीं हो सका। कई कोशिशों के बाद भी आंसू गैस नहीं छोड़ी जा सकी। अंत में इस ड्रिल को छोड़ दिया गया।
मॉक ड्रिल के दौरान पुलिस वालों ने हेलमेट पहन रखा था, लेकिन वह पुलिस वाले हाफ हेलमेट की जगह पर बाइक वाला फुल हेलमेट पहन कर मॉक ड्रील कर रहे थे, इससे की जवानों को भी परेशानी हो रही थी।
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धनबाद पुलिस के सभी दाव निकले खोखले
इस मॉक ड्रिल में कई कमियां उजागर हुई हैं, जिन्हें दूर करने की कवायद की जा रही है। मौके पर डीएसपी मुख्यालय-1 शंकर कामती और सीसीआर डीएसपी सुमित कुमार मौजूद रहे और मॉकड्रिल में पुलिस केंद्र के 100 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल हुए। इस मॉक ड्रिल ने धनबाद पुलिस की पोल खोलकर रख दी। भगवान ना करें पर अगर धनबाद मे कोई बड़ा दंगा या आपातकालीन परिस्थिति में भीड़ को हटाने की जरूरत पड़े तो धनबाद पुलिस के लिए बड़ा मुश्किल भरा काम होगा।
(रिपोर्ट- कुंदन सिंह)
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