मुंबई: लेबनान में इजरायल द्वारा किए गए हमलों में हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्ला की मौत के बाद से भारत के कई इलाको में मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की बात करें तो शुक्रवार को जुमे की नमाज के मौके पर कई मस्जिदों में इजरायल के खिलाफ मुस्लिम धर्मगुरुओं और नमाजियों ने अपना रोष व्यक्त किया। जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज के धर्मगुरुओं ने इजरायल में बने सामान का बहिष्कार करने की अपील की। लेबनान की राजधानी बेरूत पर 28 सितंबर को इजराइली हवाई हमले में हिजबुल्ला प्रमुख नसरल्ला मारा गया था।
‘इजरायल के प्रोडक्ट का बहिष्कार करना चाहिए’
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के भायखला स्थित रंगवाला मस्जिद कंपाउंड में जुमे की नमाज अदा की गई। इस दौरान मुस्लिम समाज के लोगों ने इजरायल के कथित जुल्मो-सितम के लिए उसकी जमकर निंदा की। साथ ही फिलिस्तीन समेत उन इस्लामिक मुल्कों की हिफाजत के लिए दुआ पढ़ी गई जो इजरायल से दो-दो हाथ कर रहे हैं। नमाज के बाद मौलाना अमानुल्लाह रजा ने कहा कि सिर्फ मुस्लिम समाज को ही नहीं बल्कि हर हिंदुस्तानी नागरिक को इजरायल के प्रोडक्ट का बहिष्कार करना चाहिए और वहां बना कोई सामान नहीं खरीदना चाहिए।
‘अपने देश के लिए लड़ने वाला आतंकवादी कैसे?’
मौलाना रजा ने कहा कि असली आतंकवादी इजरायल और अमेरिका ही हैं। उन्होंने कहा, ‘हिजबुल्लाह, फिलिस्तीन ईरान और लेबनान तो अपनी बैरूत-ए-अक्सा मस्जिद की लड़ाई लड़ रहे हैं। जो अपने देश के लड़ता है वह आतंकवादी कैसे हो सकता है? अमेरिका के आतंकवादी कहने से हम हिंदुस्तान में हिजबुल्लाह और इजरायल के खिलाफ लड़ने वाले लोगों का पक्ष न लें ये नहीं हो सकता। हम उनका समर्थन करेंगे, उनके साथ खड़े रहेंगे। हम वहां तो नहीं जा सकते लेकिन यहां रहकर समर्थन करेंगे।’
‘पीएम मोदी को इस मामले में दखल देनी चाहिए’
मौलाना रजा ने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहुत काबिल और सक्षम व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि भारत को इस मामले में दखल देनी चाहिए और युद्ध को रोकना चाहिए। इससे पहले हसन नसरल्ला की मौत के बाद मुंबई के गोवंडी इलाके में बिना अनुमति के मोमबत्ती जुलूस निकालकर विरोध जताने के लिए पुलिस ने करीब 30 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। एक अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मंगलवार शाम को इमामवाड़ा और बैंगनवाड़ी इलाके के बीच जुलूस निकाला गया जो पुलिस उपायुक्त (ऑपरेशन) द्वारा 12 सितंबर को जारी किए गए निषेधाज्ञा का उल्लंघन है।