नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले सात सालों में उनकी सरकार ने तीन करोड़ गरीबों को ‘‘पक्का’’ घर देकर उन्हें ‘‘लखपति’’ बनाया है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातार घर महिलाओं के नाम पर हैं, लिहाजा सरकार ने उन्हें भी घरों की ‘‘मालकिन’’ बनाया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) द्वारा आयोजित ‘‘आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था’’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि गरीब का बहुत बड़ा सपना उसका अपना घर भी होता है। उन्होंने कहा कि इस साल के बजट में गरीबों के लिए 80 लाख पक्के घर बनाने की बात कही गई है और इस पर 48,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘जब गरीब को अपना घर मिलता है तो उसका हौसला बढ़ जाता है। हम कभी गरीबों की ताकत जानते नहीं थे। गरीबों का राजनीतिक उपयोग करने वाले बहुत हुए।’’ प्रधानमंत्री ने ‘‘जन-धन’’ खातों का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर एक ‘‘जन-धन’’ खाता गरीब की जिंदगी बदल सकता है तो घर मिलने पर उसका जीवन कितना बदल जाता है यह आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार जब घर बना कर देती है तो वह घर इन गरीबों को एक तरह से लखपति बना देता है। मैं जब छोटा था तो लखपति शब्द बहुत बड़ा लगता था। लखपति यानी कितनी बड़ी दुनिया...सुनते ही कान खड़े हो जाते थे... लेकिन हमने जो गरीबों को घर दिया है उसकी कीमत के हिसाब से देखें तो हमने पिछले सात साल में तीन करोड़ गरीबों को पक्के घर देकर उन्हें लखपति बनाया है।’’
उन्होंने कहा कि जो गरीब थे और जो झोपड़पट्टी में रहते थे आज उनके पास अपना घर है और यह घर पूर्व के मुकाबले आकार में भी बड़े हैं ताकि बच्चों की पढ़ाई के लिए जगह मिले। उन्होंने कहा, ‘‘बड़ी बातें यह भी है कि इसमें से ज्यादातर घर महिलाओं के नाम पर भी हैं। यानी हमने महिलाओं को घर की मालकिन भी बनाया है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार सामाजिक न्याय के लिए हमेशा काम करती है और इसे अपना दायित्व समझती है। उन्होंने कहा, ‘‘जैसे समाज की भलाई के लिए सामाजिक न्याय बहुत जरूरी है वैसे ही देश की भलाई के लिए भी संदेश का संतुलित विकास भी जरूरी है।’’