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कर्नाटक में किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड ने किया दावा, सरकार पर मिलीभगत का आरोप

कर्नाटक में वक्फ बोर्ड ने किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर दावा किया है। इसके अलावा किसानों को नोटिस भी भेज दिया गया है। वहीं किसान प्रदर्शन और आत्महत्या की धमकी दे रहे हैं।

Reported By : T Raghavan Edited By : Amar Deep Published : Oct 26, 2024 16:15 IST, Updated : Oct 26, 2024 17:01 IST
किसानों की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने किया दावा।
Image Source : INDIA TV किसानों की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने किया दावा।

विजयपुरा: कर्नाटका के विजयपुरा में किसानों की 1200 एकड़ जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है। वक्फ बोर्ड ने किसानों को नोटिस भी जारी कर दिया है। वहीं अब वक्फ बोर्ड की इस नोटिस के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। दरअसल, विजयपुरा जिले के होनवाड़ा गांव की 1200 एकड़ जमीन पर शाह अमीनुद्दीन दरगाह ने अपना हक जताया है। स्थानीय तहसीलदार ने जमीन मालिक किसानों को नोटिस भेजकर इसका जवाब मांगा है। वहीं टिकोटा तालुका स्थित होनवाड़ा गांव के किसानों ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक और कांग्रेस सरकार में मंत्री एमबी पाटिल से की है।

मंत्री जमीर अहमद खान ने साथ हुई थी बैठक

किसानों ने आरोप लगाया है कि सम्बंधित अधिकारी इस क्षेत्र को शाह अमीनुद्दीन दरगाह से जुड़ी मुस्लिमों की मजहबी संस्था के रूप में नामित करने का प्रयास कर रहे हैं। तहसीलदार ने नोटिस भेजी है और उसमें पुराने सरकारी रिकॉर्ड का हवाला देते हुए जमीनें वक्फ बोर्ड की बताई गई हैं। किसानों के मुताबिक राज्य के आवास, वक्फ और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री जमीर अहमद खान ने इस महीने की शुरुआत में वक्फ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। इस बैठक में वक्फ भूमि पर ‘अतिक्रमण’ को लेकर चर्चा की गई थी। इन चर्चाओं के बाद अधिकारियों ने ‘अवैध अतिक्रमण’ को हटाने का प्रयास किया और इसके तहत यह विवादास्पद नोटिस भेजा गया है।

बैठक के बाद किसानों को भेजी गई नोटिस

किसानों को दी गई नोटिस में कहा गया है कि यह जमीन शाह अमीनुद्दीन दरगाह की है। वहीं किसानों का कहना है कि ये दरगाह सदियों से अस्तित्व में नहीं है, जबकि पीढ़ियों से उनके परिवार इन जमीनों के मालिक हैं। लगभग 41 किसानों को नोटिस मिली है और उनसे स्वामित्व का कागजात देने के लिए कहा गया है। वक्फ बोर्ड का दावा है कि ये नोटिस 1974 के गजट की घोषणा पर आधारित है। वक्फ बोर्ड के मुताबिक भूमि को राज्य सरकार ने वक्फ संपत्ति के रूप में चिह्नित किया था और इसे गजट में दर्ज किया गया था। हालांकि, कुछ नोटिस गलती से किसानों को भेज दिए गए। वक्फ बोर्ड के मुताबिक अगर किसानों के पास वैध भूमि रिकॉर्ड हैं तो वक्फ बोर्ड उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा।

बीजेपी ने कांग्रेस सरकार पर लगाए आरोप

वहीं नोटिस मिलने के बाद किसान तनाव में हैं। किसानों ने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन की चेतावनी दी है। होनवाड़ा के किसानों ने घोषणा की है कि वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने के लिए तैयार हैं। उन्होंने न्याय मिलने तक अपना संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है। विजयपुरा के किसानों ने मंत्री M B पाटिल से मुलाकात के बाद BJP सांसद तेजस्वी सूर्या से भी मुलाकात की। तेजस्वी सूर्या ने आरोप लगाया कि एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए कांग्रेस सरकार किसानों की जमीन को वक्फ बोर्ड को सौंपने की साजिश कर रही है। वहीं मंत्री M B पाटिल ने इस मसले पर किसानों को न्याय दिलाने का वादा किया है। 

किसानों का शोषण कर रही सरकार

एक किसान प्रभु गौड़ा ने कहा, 'वक्फ बोर्ड राज्य सरकार के साथ मिलकर हम किसानों की जमीन पर कब्जा करने की साजिश कर रहा है। 4 एकड़, 10 एकड़, 5 एकड़ जमीन को अगर वक्फ बोर्ड हड़प लेगा तो किसानों के पास जहर खाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा। भीख मांगकर खाना पड़ेगा, बच्चों की शादी कैसे करेंगे, हमारे जमीन के कागज को लेकर लोन लेने बैंक जाएंगे तो बैंक वाले कहेंगे कि वक्फ बोर्ड से NOC लाओ तभी लोन देंगे। ये कैसे सम्भव होगा। ये सरकार हम किसानों का बहुत शोषण कर रही है। इस अन्याय को हम सहन नहीं कर सकते हैं।'

किसानों ने आत्महत्या की दी धमकी

एक अन्य किसान अरविन्द कुलकर्णी ने कहा, 'दस्तावेजों और पहले भेजे गए नोटिस में आज तक कभी भी वक्फ बोर्ड का नाम नहीं लिया गया, लेकिन जब से मंत्री जमीर यहां पर आकर गए उसके अगले दिन ही DC ने वक्फ बोर्ड के नाम से नोटिस भेज दिया। ये नोटिस किसानों के लिये आघातकारी है। गनीमत है कि अभी तक किसी को हार्ट अटैक नहीं हुआ है। किसान कह रहे हैं कि या तो उनको हार्ट अटैक हो जाएगा या फिर वो जहर खा लेंगे। अगर हमारी एक इंच जमीन भी ली गई तो हमारे पास जान देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचेगा। हम सब जिलाधीश कार्यालय के बाहर आत्महत्या कर लेंगे।

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