Wednesday, March 26, 2025
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वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ पटना और विजयवाड़ा में होगा विरोध प्रदर्शन, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया ऐलान

इन धरनों में AIMPLB की केंद्रीय नेतृत्व टीम, विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय और प्रांतीय प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। साथ ही सिविल सोसाइटी, अल्पसंख्यक समुदायों के प्रमुख प्रतिनिधि, तथा दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्गों के नेता भी इन आंदोलनों में भाग लेंगे।

Reported By : Shoaib Raza Edited By : Niraj Kumar Published : Mar 23, 2025 20:13 IST, Updated : Mar 23, 2025 20:13 IST
Waqf amendment bill, protest
Image Source : PTI वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन

नई दिल्ली: दिल्ली में 17 मार्च को हुए प्रदर्शन के बाद,ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है। इसके तहत  26 मार्च को पटना और 29 मार्च को विजयवाड़ा में विधानसभाओं के समक्ष बड़े पैमाने पर विरोध-धरनों का आयोजन किया जाएगा। 

जनसमर्थन के लिए जताया आभार

बोर्ड के प्रवक्ता और वक्फ विधेयक के खिलाफ गठित एक्शन कमेटी के संयोजक डॉ. एस.क्यू.आर. इलियास ने मुस्लिम संगठनों, सिविल सोसाइटी आंदोलनों, दलित, आदिवासी, ओबीसी और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के नेताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “अल्लाह की मदद और इन सभी वर्गों के सहयोग के बिना दिल्ली का ऐतिहासिक प्रदर्शन संभव नहीं था।” उन्होंने विपक्षी दलों और उन सांसदों का भी आभार जताया जिन्होंने न केवल बड़ी संख्या में प्रदर्शन में भाग लिया, बल्कि वक्फ संशोधन विधेयक को पूरी तरह खारिज कर दिया। बोर्ड की ओर से गठित 31 सदस्यीय एक्शन कमेटी ने निर्णय लिया है कि यह विधेयक न केवल विवादास्पद और पक्षपातपूर्ण है, बल्कि अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए बेहद हानिकारक भी है। अतः इसके खिलाफ संवैधानिक, कानूनी और लोकतांत्रिक माध्यमों से राष्ट्रव्यापी आंदोलन चलाया जाएगा।

26 मार्च को पटना में, 29 मार्च को विजयवाड़ा में प्रदर्शन

आंदोलन के पहले चरण के तहत 26 मार्च को पटना और 29 मार्च को विजयवाड़ा में विधानसभाओं के समक्ष बड़े पैमाने पर विरोध-धरनों का आयोजन किया जाएगा। इन धरनों में AIMPLB की केंद्रीय नेतृत्व टीम, विभिन्न धार्मिक व सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय और प्रांतीय प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। साथ ही सिविल सोसाइटी, अल्पसंख्यक समुदायों के प्रमुख प्रतिनिधि, तथा दलित, आदिवासी और ओबीसी वर्गों के नेता भी इन आंदोलनों में भाग लेंगे। बोर्ड ने विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और सांसदों को भी इन कार्यक्रमों में आमंत्रित किया है। यद्यपि संसद सत्र के चलते अधिकतर दलों ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है, फिर भी बोर्ड का प्रयास है कि कम से कम संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के विपक्षी सदस्य इन धरनों में शामिल हों।

मुख्यमंत्रियों को भी किया आमंत्रित

पटना के कार्यक्रम में जदयू, राजद, कांग्रेस और लोक जनशक्ति पार्टी के राज्य स्तरीय नेताओं, जिनमें मुख्यमंत्री भी शामिल हैं, को आमंत्रित किया गया है। वहीं आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस पार्टी और वाम मोर्चे की पार्टियों को भी आमंत्रण भेजा गया है। प्रवक्ता डॉ. इलियास ने कहा कि इन दोनों धरनों के माध्यम से बीजेपी की सहयोगी पार्टियों को एक स्पष्ट संदेश देना है—या तो वे इस विधेयक से अपना समर्थन वापस लें, या फिर हमारे समर्थन से वंचित हो जाएं।

आंदोलन के लिए चरणबद्ध योजना तैयार

डॉ. इलियास के अनुसार, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस आंदोलन के लिए एक विस्तृत और चरणबद्ध योजना तैयार की है। इसके तहत देश के प्रत्येक राज्य की राजधानी में विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हैदराबाद, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, मलेरकोटला (पंजाब) और रांची में बड़े स्तर पर जनसभाएं होंगी। इसके साथ ही सिट-इन धरने और मानव श्रृंखलाएं भी बनाई जाएंगी। प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से इस अभियान को व्यापक प्रचार दिया जाएगा। 'X' (पूर्व में ट्विटर) पर हैशटैग अभियान चलाए जाएंगे। हर प्रमुख शहर और जिला मुख्यालय में धरने, कॉन्फ्रेंस और प्रदर्शन आयोजित होंगे, और ज़िलाधिकारियों व कलेक्टरों के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

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