नई दिल्ली: केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड को नियंत्रित करने वाले 1995 के कानून में संशोधन करने के लिए संसद में एक विधेयक लाने वाली है ताकि इनके कामकाज में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके तथा इन निकायों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी हो सके। सरकार ने यह कदम मुस्लिम समुदाय के भीतर से उठ रही मांगों की पृष्ठभूमि में उठाया गया है। वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने वाला विधेयक वक्फ बोर्ड के लिए अपनी संपत्तियों का वास्तविक मूल्यांकन सुनिश्चित करने को लेकर जिलाधिकारियों के पास पंजीकरण कराना अनिवार्य कर देगा। सूत्रों के मुताबिक बृहस्पतिवार को सरकार संसद में यह बिल पेश कर सकती है।
अनियमितताएं खत्म होंगी
इस पूरे मामले को इंडिया टीवी रिपोर्टर दीपक प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट की वकील कनिका भारद्वाज से समझने की कोशिश की। कनिका भारद्वाज ने कहा कि इस बिल से वक्फ बोर्ड के नाम पर जिस तरह से लैंड का मिसयूज हो रहा है या अन्य अनियमितताएं हो रही हैं, उन्हें खत्म किया जाएगा। कनिका ने बताया कि कुल 40 बदलाव किए जा रहे हैं।
पर्सनल लॉ पर आधारित बोर्ड का कानून
कनिका ने बताया कि वक्फ का मतलब होता है कि कोई भी मुस्लिम अपनी मर्जी से चैरिटी कर सकता हैं। प्रॉपर्टी ही नहीं कैश और अन्य सामान भी वक्फ की संपत्ति के अंतर्गत आते हैं। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड का कानून पूरी तरह से पर्सनल लॉ पर आधारित है। इसमें न्यायपालिका का कोई रोल नहीं रहा है। लेकिन अब बदलाव से जो पीड़ित हैं उनके साथ न्याय होगा। अब प्रॉपर्टी का उचित वेरिफिकेशन हो सकेगा। उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड के पास काफी पावर है। अगर वक्फ बोर्ड ने किसी प्रॉपर्टी पर दावा कर दिया कि यह प्रॉपर्टी उसकी है तो फिर जिस मुस्लिम भाई की प्रॉपर्टी पर दावा किया गया है, उसे यह साबित करना होगा कि यह प्रॉपर्टी उसकी है।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकेंगे
कनिका भारद्वाज ने बताया कि लोगों को लगता है कि उनके अधिकार छीन लिए जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं होगा। सबसे पहला तो सुधार यह आएगा कि इसमें कोर्ट इन्वॉल्व हो जाएगा। इससे पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं किया जा सकता था। लेकिन अब नए संशोधन के बाद कोर्ट में अपील का अधिकार मिल जाएगा। जब भी वक्फ बोर्ड कोई प्रॉपर्टी क्लेम करेगा तो उसकी रजिस्ट्री जिला कलेक्टर के पास करानी होगी। अब तक वक्फ बोर्ड जिस भी प्रॉपर्टी पर क्लेम कर देता था वह प्रॉपर्टी उसकी हो जाती थी। उन्होंने बताया कि भारत में तीसरा सबसे बड़ा लैंड ऑनर वक्फ बोर्ड है।
महिलाओं की भागीदारी
कनिका ने बताया कि तमिलनाडु में एक गांव पर वक्फ बोर्ड ने दावा कर दिया कि गांव की पूरी जमीन वक्फ बोर्ड की है। आज पूरा का पूरा गांव वक्फ बोर्ड के पास है। नए बदलाव के बाद इन हालातों में लोग कोर्ट का रुख कर पाएंगे। इसके साथ ही महिलाओं को अभी तक कभी वक्फ बोर्ड में मौका नहीं मिलता था लेकिन नए बदलाव में कम से कम दो महिलाएं वक्फ बोर्ड में रहेृंगी।
वक्फ बोर्ड के पास कब कितनी प्रॉपर्टी
- 2009 : 52 हजार से ज्यादा प्रॉपर्टी
- 2013 :4 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी
- 2024 : 8 लाख से ज्यादा प्रॉपर्टी
कनिका ने बताया कि वक्फ बोर्ड को इन संपत्तियों से हर साल करीब 200 करोड़ की आमदनी होती है। वक्फ बोर्ड के पास 80 एकड़ से ज्यादा लैंड है। जो भी पैसा आता है वह मुस्लिम कम्यूनिटी के लिए खर्च होना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। सबसे ज्यादा मुस्लिम ही इससे प्रभावित हैं। नए बदलाव का मकसद यह है कि गैरकानूनी तरीके से कोई प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड में नहीं जाए।