गोवा पुलिस ने दावा किया है कि एक प्रमुख राजनीतिक नेता द्वारा राज्य में क्लब और रेस्तरां मालिकों पर जबरन वसूली का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर प्रसारित एक पत्र वियतनाम में इस्तेमाल किए गए एक मोबाइल नंबर से आया है और यह फर्जी है। अपराध शाखा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) निधिन वलसन ने कहा कि राज्य अपराध शाखा द्वारा जांच की गई और जबरन वसूली की शिकायत फर्जी पाई गई।
इस वायरल लेटर में क्या लिखा था
प्रधानमंत्री को संबोधित वायरल पत्र में लिखा है, "हम, गोवा के क्लब और रेस्तरां मालिक, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पांडुरंग सावंत द्वारा गुंडों और संग्रह एजेंटों का उपयोग करके जबरन वसूली की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।" इसमें कहा गया है कि हम आपको सूचित करना चाहते हैं कि तेंदुलकर और पाल्डोस्कर (आदतन अपराधी और कुख्यात गुंडे) नामक दो व्यक्तियों का उपयोग मुख्यमंत्री द्वारा क्लब और रेस्तरां के आकार के अनुसार हर महीने रकम (2 लाख से 30 लाख तक) वसूली जा रही है। वसूली ना देने पर वाणिज्यिक कर और उत्पाद शुल्क विभागों का परिसरों पर छापा मारने की धमकी दी जाती है।
वियतनाम के नंबर से व्हॉट्सएप पर आया पत्र
ब्रांच एसपी ने कहा, पूछताछ में यह पाया गया कि शिकायत में हस्ताक्षर फर्जी थे और शिकायतकर्ताओं के नाम नहीं थे। इसे व्हॉट्सएप के माध्यम से वियतनाम के नंबर से 16 मार्च को भेजा गया था। मुख्यमंत्री सावंत ने कहा कि उन्होंने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई जबरन वसूली में शामिल है, तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्हें दंडित किया जाएगा। सावंत ने कहा,''कुछ लोग इस तरह की शिकायतें (फर्जी पत्र) कर राजनीतिक फायदा उठा रहे हैं। मेरा प्रशासन साफ है और ऐसी चीजों को बर्दाश्त नहीं करेगा।''
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