नई दिल्ली: भारत के महान वैज्ञानिक विक्रम साराभाई की आज पुण्यतिथि है। 30 दिसंबर 1971 को उनका नींद के दौरान निधन हो गया था। विक्रम का जन्म 12 अगस्त 1919 को हुआ था। उन्हें भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम का पितामह कहा जाता है। उनकी खोज और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने की वजह से उन्हें 1966 में पद्म भूषण और 1972 में पद्म विभूषण (मृत्योपरांत) से सम्मानित किया गया।
विक्रम का जन्म अहमदाबाद के एक प्रतिष्ठित बिजनेस परिवार में हुआ था, जहां धन की कोई कमी नहीं थी। उन्होंने शुरुआती पढ़ाई भारत में की, बाद में वह कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के सेंट जॉन्स कॉलेज से पढ़ने चले गए। उन्होंने डॉक्टरेट की उपाधि भी हासिल की।
भारत को ISRO देने वाले वैज्ञानिक
विक्रम जब अमेरिका से भारत लौटे तो उन्होंने नवंबर 1947 में अहमदाबाद में फिजिकल रिसर्च लैबरेटरी (PRL) की स्थापना की। शुरुआत में PRL ने रिसर्च पर काम किया। बाद में विक्रम साराभाई के प्रयासों की वजह से भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) की नींव रखी गई।
पहले इसरो को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति (इन्कोस्पार) के नाम से जाना जाता था, जिसे विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता की वजह से 1962 में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया। इसरो का गठन 15 अगस्त, 1969 को हुआ। उन्होंने इसरो के पहले अध्यक्ष के रूप में कार्य किया और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साराभाई ने अहमदाबाद में अतंरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र की स्थापना भी की थी। जिसे भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए काफी अहम माना जाता है।
मशहूर डांसर से शादी की लेकिन परिवार नहीं हुआ शामिल, ये थी वजह
साराभाई की शादी क्लासिकल डांसर मृणालिनी स्वामिनाथन से हुई थी। लेकिन उनकी शादी में उनका परिवार शामिल नहीं हो पाया था। दरअसल जिस समय साराभाई की शादी हुई, उस समय देश में भारत छोड़ो आंदोलन तेजी से चल रहा था। इस वजह से आंदोलनकारियों ने ट्रेनों की पटरियां उखाड़ दी थीं। इस वजह से साराभाई के घरवाले उनकी शादी में नहीं पहुंच पाए थे।