Saturday, November 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. Vijay Diwas: 1971 के योद्धा ने सुनाई शौर्यगाथा, जानिए पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की क्या है कहानी

Vijay Diwas: 1971 के योद्धा ने सुनाई शौर्यगाथा, जानिए पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की क्या है कहानी

1971 की वॉर के योद्धा रिटायर्ड कर्नल वीएन थापर ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में पाकिस्तान के आत्मसमर्पण करने की शुरू से लेकर आखिर तक की एक-एक घटना का विस्तार से विवरण दिया।

Edited By: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Published on: December 16, 2022 18:13 IST

वो साल था 1971 का और दिसंबर का 16वां सर्द दिन। आज ही के दिन ठीक 51 साल पहले करीब एक लाख पाकिस्तानी सैनिक भारत की फौज के आगे हथियार डाले घुटनों पर थे। 16 दिसंबर 1971 को लगभग 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों ने भारतीय सेना और 'मुक्ति वाहिनी' के संयुक्त बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसी युद्ध के परिणाम स्‍वरूप बांग्‍लादेश अस्तित्व में आया। उसके बाद से पाकिस्‍तान पर भारत की विजय की याद में आज का दिन विजय दिवस के रूप मनाया जाता है। 

93 हजार पाक सैनिकों ने बिना शर्त घुटने टेके

इस दिन साल 1971 में पाकिस्‍तानी सेनाध्‍यक्ष जनरल आमिर अब्‍दुल्‍ला खान नियाजी ने अपने 93 हजार सैनिकों के साथ बिना किसी शर्त के लेफ्टीनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष युद्ध में आत्‍मसमर्पण किया था। अरोड़ा इस युद्ध में भारतीय सेना और मुक्ति वाहिनी के संयुक्‍त बल का नेतृत्‍व कर रहे थे। 1971 की पाकिस्तान पर विजय की अनेकों शौर्यगाथाएं हैं। लेकिन जब भारतीय सेना की बहादुरी की कहानियां खुद युद्ध जीतने वाले सुनाएं तो मानो सारे दृश्य सामने सजीव हो गए हों। 1971 की वॉर के योद्धा रिटायर्ड कर्नल वीएन थापर इंडिया टीवी पर जुड़े और उन्होंने खुद पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की पूरी कहानी सुनाई।

6 महीने तक लड़ने का था बारूद, लेकिन...
1971 की वॉर के योद्धा रिटायर्ड कर्नल वीएन थापर ने इंडिया टीवी से खास बातचीत में पाकिस्तान के आत्मसमर्पण करने की शुरू से लेकर आखिर तक की एक-एक घटना का विस्तार से विवरण दिया। कर्नल वीएन थापर ने बताया कि जब युद्ध शुरू होने से पहले नियाजी ने कहा था कि हिंदुस्तानी टैंको को मेरी छाती के ऊपर से निकलना पड़ेगा, लेकिन जैसे ही वॉर शुरू हुई तो नियाजी और उसकी सेना को घुटने टेकने में समय नहीं लगा। कर्नल वीएन थापर ने बताया कि उनके पास इतना गोला-बारूद था कि वे 6 महीने तक लड़ सकते थे, लेकिन उनकी सेना की लड़ने की स्पिरिट खत्म हो गई थी। 1971 की वॉर के वो 13 दिन की हर एक घटना को कर्नल वीएन थापर से जानने के लिए देखें पूरा वीडियो। 

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement