भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र में स्थित गुर्जर समाज के आराध्य देव भगवान देवनारायण मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल ने दावा किया था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भगवान देवनारायण के मंदिर आए थे तब उन्होंने वहां दानपेटी में एक लिफाफा डाला था। लेकिन पीएम मोदी का दान करते हुए जो वीडियो सामने आया है, उसमें पुजारी का दावा झूठा निकला है। इस वीडियो में पीएम मोदी खुद दानपात्र में कुछ नोट डालते हुए दिख रहे हैं। पीएम ने उस दौरान मंदिर की दानपेटी में कोई लिफाफा नहीं डाला था।
इस वीडियो में ये साफ देखा जा सकता है कि पीएम मोदी ने दानपात्र के अंदर नोट डाले हैं, कोई लिफाफा नहीं। लिहाजा पुजारी का दावा गलत निकला।
मंदिर के पुजारी ने किया था झूठा दावा
भगवान देवनारायण मंदिर के पुजारी हेमराज पोसवाल ने बताया था कि देवनारायण भगवान के घोड़े के अवतार दिवस के एक दिन बाद मंदिर कमेटी ने जब दानपात्र खोला तो उसमें तीन लिफाफे पाए गए। एक लिफाफे में 2100 रुपये थे लेकिन उस पर नाम सुरेंद्र सिंह जाड़ावत का लिखा था। वहीं दूसरा लिफाफा बिना नाम का था, उसमें से 101 रुपये निकले। मंदिर के पुजारी ने दावा किया था कि तीसरा सफेद लिफाफा पीएम मोदी का है, जिसमें 20 रूपये का एक नोट और 1 रुपये का एक सिक्का निकला। लेकिन वीडियो सामने आने के बाद ये दावा खारिज हो गया। पीएम मोदी ने कोई लिफाफा नहीं बल्कि दान पेटी में नोट डाले थे।
कब खुलती है मंदिर की दानपेटी
बता दें कि देवनारायण जन्म स्थल पर साल में बस 2 बार ही दान पत्र की पेटी खोली जाती है जहां एक बार देवनारायण जन्मोत्सव और दूसरी बार देवनारायण घोड़े के अवतार दिवस पर मंदिर कमेटी द्वारा दान पत्र की पेटी खोली जाती है। लगभग 6 माह बाद भाद्रपद माह की छठ तिथि को दान पत्र खोला जाता है। इस दिन देवनारायण भगवान के घोड़े का अवतार हुआ था।
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