Highlights
- अमरनाथ गुफा से महज 2 किमी दूर फटा बादल
- कई श्रद्धालुओं के मौत की खबर, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी
- घटना के वक्त मौके पर करीब 12 हजार यात्री मौजूद थे
Video Of Amarnath Cave Cloudburst: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की खबर सामने आई है। यह हादसा साढ़े 5 बजे हुआ। अब तक 15 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के IG विजय कुमार ने 5 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। 5 श्रद्धालुओं के शव भी बरामद कर लिए गए हैं। जिनमें 3 महिलाएं और 2 पुरूष शामिल हैं। सैलाब की वजह से गुफा के पास श्रद्धालुओं द्वारा लगाए गए लगभग 25 टेंट और 2-3 लंगर पानी में बह गए। मौके पर राहत और बचाव कार्य जारी है। आइए हम आपको वीडियो के जरिए दिखाते हैं कि अमरनाथ गुफा के पास कितना भयानक मंजर था जब यह हादसा हुआ।
सेना के साथ-साथ कई एजेंसियां भी राहत बचाव कार्य में जुटीं
गुफा के पास जैसे ही हादसा हुआ सेना ने तुरंत मोर्चा संभाला। जिसके बाद ITBP, CRPF, NDRF, SDRF की टीमों ने लोगों का रेस्क्यू करना शुरु कर दिया। घायलों को तुरंत एयरलिफ्ट कर के अस्पताल पहुंचाया गया।
एक हफ्ते पहले ही शुरु हुई थी यात्रा
हर रोज करीब 15 हजार श्रद्धालु बाबा के दर्शन के लिए पवित्र गुफा पहुंच रहे हैं। एक हफ्ते पहले ही 30 जून को अमरनाथ यात्रा शुरू हुई है और एक हफ्ते में ही कई बार खराब मौसम की वजह से यात्रा को रोकना पड़ा है। जब यह घटना हुई तब मौके पर करीब 12 हजार यात्री मौजूद थे। अमरनाथ गुफा से करीब 2 किलोमीटर दूर यह घटना हुई है। न्यूज एजेंसी ANI से मिली जानकारी के मुताबिक अमरनाथ की गुफा के नीचे शाम साढ़े 5 बजे के करीब बादल फटा। इस घटना के बाद अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया है।
अमरनाथ यात्रा को पहलगाम और बालटाल दोनों रूट से रोक दिया गया था
वहीं, आपको बता दें कि 2 दिन पहले ही जम्मू-कश्मीर में खराब मौसम के बीच अमरनाथ यात्रा को पहलगाम और बालटाल दोनों रूट से रोक दिया गया था। मंगलवार को यात्री आधार शिविरों से आगे नहीं बढ़ने दिए गए थे। भारी भूस्खलन से श्रीनगर-लेह नेशनल हाईवे मंगलवार को घंटों प्रभावित रहा था। जम्मू संभाग को कश्मीर से जोड़ने वाले सिंथन टॉप क्षेत्र में तड़के बादल फटने से सिंथन नाला उफान पर आ गया था। मानसून सक्रिय होने से प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर ने बुधवार को तेज बारिश से बाढ़ की चेतावनी जारी की थी।
हादसे से लोग इतना डर गए थे कि सभी अपना टेंट छोड़कर बाहर आ गए।
अमरनाथ यात्रा एक हफ्ते पहले 30 जून को ही शुरु हुई थी।
बादल फटने के बाद घटनास्थल का मौसम बिल्कुल साफ हो गया है।