भारत के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर देश के सबसे खूबसूरत रेलवे ट्रैक के बारे में बताया है। अपनी पोस्ट में उन्होंने छह वीडियो शेयर किए हैं, जो देश के अलग-अलग कोने से हैं। इन वीडियो में अलग-अलग तरह की खूबसूरती देखने को मिल रही है। रेल मंत्री ने जो वीडियो शेयर किए हैं, उनमें नदी से लेकर झरने, पहाड़ और बर्फबारी के नजारे देखने को मिल रहे हैं।
रेल मंत्री ने इस एक्स थ्रेड में कुल सात पोस्ट किए हैं। पहला पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा "भारत भर में कुछ सबसे सुंदर रेल यात्राएं।" इसके बाद उन्होंने छह वीडियो शेयर किए, जो देश के अलग-अलग रेलवे ट्रैक से हैं।
पहले नंबर पर गुजरात का कच्छ
अश्विनी वैष्णव ने पहले नंबर पर गुजरात के कच्छ को रखा और लिखा "नमो भारत रैपिड रेल के साथ रेगिस्तान के जीवंत रंगों और रण की सफेद रेत में डूब जाइए।" दूसरे नंबर पर नीलगिरी की फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा "सदैव आकर्षक नीलगिरि पर्वतीय रेलमार्ग, एक प्रसिद्ध यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।" तीसरे नंबर पर अश्विनी वैष्णव ने जम्मू कश्मीर का वीडियो शेयर किया और लिखा "जम्मू और कश्मीर में बनिहाल से बड़गाम तक बर्फ से लदी घाटी का मनोरम दृश्य।" चौथे नंबर पर उन्होंने गोवा के झरने का वीडियो शेयर किया और लिखा कि गोवा का दूधसागर जलप्रपात प्रकृति का चमत्कार है, विशाल दूधसागर जलप्रपात को देखें। पांचवें नंबर पर उन्होंने तिरुवनंतपुरम का वीडियो शेयर कर लिखा "कप्पिल, तिरुवनंतपुरम- केरल के तटीय रत्न के शांत तटों और नारियल के बागों के माध्यम से।" रेल मंत्री ने छठे नंबर पर शिमला का वीडियो शेयर किया और लिखा "कालका-शिमला - लुभावने हिमालयी दृश्य के माध्यम से ऐतिहासिक यूनेस्को विरासत खिलौना ट्रेन की सवारी करें।"
आईसीएफ कोच पर लोगों के सवाल
रेल मंत्री के इस पोस्ट पर कुछ लोगों ने सवाल भी खड़े किए हैं और पूछा कि अगर भारतीय रेल इतनी तरक्की कर चुका है तो अब तक आईसीएफ कोच का इस्तेमाल क्यों हो रहा है। इन कोच को रिटायर करने की डेडलाइन क्या है। अन्य आलोचकों ने कहा कि रेल मंत्री अब इनफ्लुएंसर बनने की कोशिश कर रहे हैं। आपको बता दें कि भारतीय रेलवे में नीले रंग के आसीएफ कोच पुरानी तकनीक से बनते हैं और एलएचबी कोच लाल रंग के होते हैं, जो नई तकनीक से बनते हैं। लाल रंग के एलएचबी कोच हर मायने में नीले रंग के आईसीएफ कोच से बेहतर होते हैं। मुख्य अंतर रेल हादसे में दिखता है। एलएसबी कोच एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते। इससे हादसे में नुकसान बेहद कम होता है। वहीं, आईसीएफ कोच एक दूसरे के ऊपर चढ़ जाते हैं और लोगों की मौत होने का खतरा बढ़ जाता है।
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