Highlights
- उत्पल सिंह बनाए गए रिटर्निंग ऑफिसर
- उपराष्ट्रपति पद के लिए 19 जुलाई तक दाखिल होंगे नामांकन
- भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन शुरू
Vice President Election: भारत के अगले उप-राष्ट्रपति पद के लिए चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। उप-राष्ट्रपति पद के निर्वाचन के लिए चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन अधिनियम, 1952 के अधीन अधिसूचना जारी की गई है। चुनाव आयोग के मुताबिक उप-राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 19 जुलाई तक दाखिल किए जाएंगे। जबकि नामांकन प्रपत्रों की जांच 20 जुलाई को होगी और नाम वापसी की तारीख 22 जुलाई तक रहेगी। वहीं अगर कोई निर्विरोध नहीं चुना गया तो इस पद के लिए मतदान 6 अगस्त को समाप्त होगा। आपको बता दें देश के मौजूदा उप-राष्ट्रपति वैंकेया नायुडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है।
उत्पल सिंह बनाए गए रिटर्निंग ऑफिसर
चुनाव आयोग ने उप-राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए रिटर्निंग ऑफिसर उत्पल कुमार सिंह को बनाया है। इस सिलसिले में उत्पल कुमार की तरफ से जारी आधिकारिक अधिसूचना में क्रमवार तरीके से पूरी जानकारी दी गई है। 6 अगस्त को होने वाले उप-राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी। 19 जुलाई तक इस पद के लिए नामांकन दाखिल होंगे। 22 जुलाई तक नामांकन वापिस लिए जाएंगे। वहीं इस चुनाव में एक उम्मीदवार अधिकतम चार नामांकन पत्र दाखिल कर सकता है जबकि चुनाव लड़ने के लिए जमानत राशि 15,000 रुपए है। इस चुनाव में राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों के सदस्य भाग लेते हैं। इसके साथ मनोनीत सदस्य भी इस चुनाव का हिस्सा होते हैं। हालांकि, सबसे खास बात है कि अभी तक उप-राष्ट्रपति पद के लिए किसी भी राजनीतिक दल ने अपना उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा है।
इस बार के खास राष्ट्रपति उम्मीदवार
इस बार द्रौपदी मुर्मू और यशवंत सिन्हा चुनाव में मुख्य उम्मीदवार हैं। उनके अलावा कई आम लोगों ने भी देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए अपने नामांकन दाखिल किए हैं। इनमें मुंबई के एक झुग्गी निवासी, राष्ट्रीय जनता दल के संस्थापक लालू प्रसाद यादव के एक हमनाम, तमिलनाडु के एक सामाजिक कार्यकर्ता और दिल्ली के एक प्राध्यापक शामिल हैं।
निर्वाचन आयोग ने नामांकन करने वाले लोगों के लिए कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक अनिवार्य कर दिए हैं। प्रस्तावक और अनुमोदक निर्वाचक मंडल के सदस्य होने चाहिए। साल 1997 में 11वें राष्ट्रपति चुनाव से पहले प्रस्तावकों और अनुमोदकों की संख्या 10 से बढ़ाकर 50 कर दी गई थी, वहीं जमानत राशि भी बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई थी।