पाकिस्तान के खिलाफ चार जंग लड़ने वाले सेना के वयोवृद्ध सैनिक हवलदार (सेवानिवृत्त) बलदेव सिंह का निधन हो गया है। 93 साल की उम्र में प्राकृतिक कारणों से नौशेरा में स्थित निवास पर बलदेव सिंह का निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ मंगलवार को उनके गांव में किया गया है। सेवानिवृत्त बलदेव सिंह के निधन पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक जाहिर किया है। पीएम मोदी ने कहा है कि भारत के प्रति बलदेव सिंह की स्मारकीय सेवा को आने वाले समय में याद रखा जाएगा।
पीएम मोदी ने इस तरह दी श्रद्धांजलि
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हवलदार बलदेव सिंह (सेवानिवृत्त) के निधन पर शोक जाहिर किया है। पीएम मोदी ने लिखा- "हवलदार बलदेव सिंह (सेवानिवृत्त) के निधन से दुखी हूं। भारत के प्रति उनकी महान सेवा को आने वाले समय में याद रखा जाएगा। साहस और धैर्य के सच्चे प्रतीक, राष्ट्र के प्रति उनका अटूट समर्पण भावी पीढ़ियों को प्रेरित करेगा। मुझे कुछ साल पहले नौशेरा में उनसे हुई मुलाकात अच्छी तरह याद है। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।"
जानें बलदेव सिंह के बारे में
तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बाल सैनिकों को सम्मानित करते हुए ग्रामोफोन, घड़ियाँ और सेना में शामिल होने का मौका दिया था। इसके बाद 14 नवंबर 1950 को बलदेव सिंह सेना में भर्ती हुए थे। इसके बाद वह 3 दशक तक सेना से जुड़े रहे और वीरता के साथ देश की सेवा की। उन्होंने 1961, 1962 और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लिया। अक्टूबर 1969 में बलदेव सिंह सेना से रिटायर्ड हो गए। हालांकि, उन्हें 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान वापस बुलाया गया। इसके बाद उन्होंने 11 जाट बटालियन (25 इन्फैंट्री डिवीजन) में अतिरिक्त आठ महीने की सेवा दी।
बलदेव सिंह को देश के प्रति अपनी सेवा के लिए कई सम्मान दिए गए। इनमें तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी समेत अन्य कई प्रतिष्ठित नेताओं द्वारा किया गया सम्मान शामिल है। (इनपुट: भाषा)
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