Highlights
- AMUL के फाउंडर थे वर्गीज कूरियन
- दूध उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाया
- दो गांवों को सदस्य बनाकर शुरू किया था अभियान
Verghese Kurien: भारत में दुग्ध उत्पादन काफी बड़े मात्रा पर होता है। लेकिन 1950 से पहले दूध और उसके उत्पादों का उत्पादन केवल घरेलू इस्तेमाल के लिए ही किया जाता था। लेकिन 1949 में एक ऐसा बदलाव हुआ कि दूध उत्पादन में बड़ा बदलाव हुआ। पशु पालकों के दिन बहुर गए। दूध को घरेलू इस्तेमाल से आगे बढ़कर इसका व्यवसाय किया जाने लगा। इस सबके पीछे एक व्यक्ति का दिमाग था - वर्गीज कूरियन हैं। 90 साल की उम्र में गुजरात के नाडियाड में उनका निधन हो गया।
AMUL के फाउंडर थे वर्गीज कूरियन
दुनिया के सबसे लोकप्रिय दुग्ध ब्रांड में एक अमूल का कारोबार आज की तारीख में अरबों का है। इसने केवल गुजरात के अभावग्रस्त किसानों की ही किस्मत नहीं पलटी बल्कि देश के लिए ऐसा नजीर बना कि देखते ही देखते दूध की कमी से गुजर रहे देश में ऐसी श्वेत क्रांति हुई कि वाकई दूध की नदियां बहने लगीं। अब देश में कभी दूध का अकाल नहीं पड़ता। वर्गीज कूरियन देश के सबसे बड़े डेयरी प्रोडक्ट ब्रैंड AMUL के फाउंडर थे। अमूल ने ना केवल देश में दूध की कमी को खत्म किया बल्कि इसके जरिए देश में दूध का इतना उत्पादन शुरू हुआ कि गांव भी खुशहाल हुए और देश दूध के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हुआ।
दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया
देश को 1947 में जब आजादी मिली तब उस समय देश में खाद्यान्न की भारी किल्लत तो थी ही साथ ही दूध उत्पादन की स्थिति भी बहुत खराब थी। कुरियन को ‘भारत का मिल्कमैन’ भी कहा जाता है। एक समय जब भारत में दूध की कमी हो गई थी, कुरियन के नेतृत्व में भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम शुरू हुआ।
दो गांवों को सदस्य बनाकर शुरू किया अभियान
उन्होंने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति शुरू की। साल 1949 में उन्होंने गुजरात में दो गांवों को सदस्य बनाकर डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की। भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण करने वाले कुरियन दुनिया के पहले व्यक्ति थे। इससे पहले केवल गाय के दूध से ही पाउडर का निर्माण किया जाता था।
AMUL रोजाना 33 लाख लीटर दूध का कलेक्शन करती है
शुरुआत में अमूल की उत्पादन क्षमता 250 लीटर प्रति दिन की थी। लेकिन अब अमूल कंपनी के कुल 7.64 लाख मेंबर्स हैं। कंपनी रोजाना 33 लाख लीटर दूध का कलेक्शन करती है। कंपनी की रोजाना 50 लाख लीटर की हैंडलिंग क्षमता है। कंपनी का पूरी दुनिया के दूध उत्पादन में 1.2% हिस्सा है।