केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आरोप लगाया है कि ICICI बैंक की पूर्व सीईओ-एमडी चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को एक सह-आरोपी ने नूपावर रिन्यूएबल्स लिमिटेड (NRL) का ओनरशिप हासिल करने और अवैध धन प्राप्त करने में मदद की थी। यह खुलासा तब हुआ है जब शनिवार को CBI की एक विशेष अदालत ने चंदा कोचर और दीपक कोचर को 26 दिसंबर तक CBI हिरासत में भेज दिया। CBI ने शुक्रवार को ICICI बैंक-वीडियोकॉन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में उनकी कथित भूमिका के सिलसिले में दंपति को गिरफ्तार किया था। वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत मामले में सह-आरोपी हैं।
ऐसे बने NRL के 95% शेयर के मालिक
24 दिसंबर 2008 को दीपक कोचर, वेणुगोपाल धूत और सौरभ धूत के साथ कंपनी के पहले निदेशक के रूप में शामिल किया गया था। वेणुगोपाल धूत और सौरभ धूत ने 2009 में कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, निदेशक पद से इस्तीफा देने से पहले, वेणुगोपाल धूत ने दीपक कोचर को 10 रुपए प्रति वारंट की दर से 1 रुपये प्रति वारंट के शुरुआती भुगतान पर 1997500 वारंट आवंटित किए। 2009 में NRL के वेणुगोपाल धूत के पास 24996 और दीपक कोचर के ग्रुप पैसिफिक कैपिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के पास 24999 शेयर थे जिसे SEPL को ट्रांसफर कर दिए गए, जो NRL के 95 प्रतिशत शेयरहोल्डर बन गए।
सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (SEPL) में साल 2008 में वेणुगोपाल धूत को 9990 शेयर और उनके सहयोगी वसंत काकड़े को 10 शेयर के साथ इसके पहले निदेशक के रूप में शामिल किया गया था। वेणुगोपाल धूत ने 2009 में SEPL के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया और अपने शेयरों को पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट (PET) में ट्रांसफर करके उक्त कंपनी का नियंत्रण दीपक कोचर को सौंप दिया, जिसका प्रबंधन दीपक कोचर द्वारा किया जाता था।