प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार (26 दिसंबर) को वीर बाल दिवस कार्यक्रम में शामिल होंगे। यह कार्यक्रम दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित होगा। इस कार्यक्रम के दौरान बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित किया जाएगा और पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इसके साथ ही पीएम मोदी सुपोषित पंचायत अभियान की शुरुआत करेंगे। वीर बाल दिवस हर साल भव्य तरीके से मनाया जाता है। यहां हम बताएंगे कि यह दिन क्यों मनाया जाता है और सिख समुदाय और मुगलों से इसका क्या नाता है?
क्यों मनाया जाता है वीर बाल दिवस
गुरु गोविंद सिंह के दो बेटों की शहादत की याद में 'वीर बाल दिवस' मनाया जाता है। और इस अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें उनके शांति, बलिदान और शहादत के संदेश पर जोर दिया जाता है। गुरु गोविंद सिंह के पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह के सर्वोच्च बलिदान की याद में वीर बाल दिवस मनाया जाता है। इन दोनों पर मुगल शासक वजीर खान ने इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया था, लेकिन दोनों नहीं माने थे तो उन्हें दीवार में जिंदा चिनवा दिया गया था। इसके बाद से इन दोनों बहादुर बेटों की याद में यह त्योहार मनाया जा रहा है
1.70 लाख छात्र लेंगे संकल्प
वीर बाल दिवस के मौके पर 1.70 लाख छात्रों को नशामुक्ति का पाठ पढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही भारत इतिहास बना देगा। परिषदीय विद्यालयों में प्रार्थना के बाद नशा मुक्त संकल्प दिलाया जाएगा। इसके बाद एक रिकार्ड बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के सहयोग से बनाया जाएगा। जो देश और दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश देने का कार्य करेगा। खालसा इंटर कालेज में प्रतियोगिताओं के साथ ही उनकी जीवनी के बारे में विद्यार्थियों को बताया जाएगा।
2022 में शुरू हुई नई परंपरा
26 दिसंबर 1705 को बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह की शहादत हुई थी। साल 2022 से वीर बाल दिवस को अंतिम सिख गुरु गोबिंद सिंह के चार साहिबजादों के बलिदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है।