Highlights
- बुजुर्गों को दी जाने वाली इस छूट को ‘बोझ’ के तौर पर क्यों देखा जा रहा है: वरुण गांधी
- "बुजुर्गों के लिए छूट खत्म करने के रेल मंत्रालय के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया"
- यात्रियों को छूट देने से रेलवे पर ‘भारी बोझ’ पड़ता है: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव
Varun Gandhi: सीनियर सिटीजंस को ट्रेनों में मिलने वाली छूट को हालही में केंद्र सरकार ने खत्म करने का फैसला लिया है। इसपर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता वरुण गांधी ने छूट को खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले पर शुक्रवार को सवाल उठाए। उन्होंने पूछा कि एक ओर जहां सांसदों को रेल किराए में रियायत मिल रही है, वहीं बुजुर्गों को दी जाने वाली इस छूट को ‘बोझ’ के तौर पर क्यों देखा जा रहा है। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए तकनीकी खामी के चलते बार-बार विमानों को ईमरजेंसी स्थिति में उतारे जाने की घटनाओं पर भी चिंता जताई। उन्होंने ऐसे समय में, घरेलू उड़ान सेवाओं के किराए की दरों के लगभग दोगुनी होने पर भी चिंता व्यक्त की।
वरुण ने रेल मंत्रालय के फैसले को बताया दुर्भाग्यपूर्ण
वरुण ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से कड़े कदम उठाने का आग्रह किया और साथ ही पूछा कि क्या वह किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि पिछले दो महीने में 17 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुई हैं, जो 'बहुत चिंताजनक' है। सीनियर सिटीजंस के लिए रियायत खत्म करने के रेल मंत्रालय के फैसले को वरुण ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया और सरकार से इस पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अपने ही लोगों को उनके जीवन के इस मोड़ पर अकेला छोड़ देने का फैसला असंवेदनशील है।
यात्रियों को छूट देने से रेलवे पर ‘भारी बोझ’ पड़ता है: रेल मंत्री
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद को सूचित किया था कि यात्रियों को छूट देने से रेलवे पर ‘भारी बोझ’ पड़ता है। उन्होंने सभी श्रेणियों में यह सुविधा बहाल करने से इनकार कर दिया था। महिला वरिष्ठ नागरिकों को सभी श्रेणी के रेल किराये में 50 प्रतिशत की छूट मिलती थी, जबकि पुरुषों और समलैंगिकों के मामले में यह छूट 40 प्रतिशत थी। किसी महिला के लिए छूट का लाभ उठाने की न्यूनतम आयु सीमा 58 साल, जबकि पुरुषों के लिए 60 वर्ष थी।