![Varanasi court bans media from covering Gyanvapi survey and directed the ASI survey team](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
ज्ञानवापी सर्वे को लेकर वाराणसी कोर्ट ने आदेश जारी किया है। दरअसल ज्ञानवापी सर्वे के बीच लगातार कई तरह की तस्वीरें सामने आ रही थीं। इस मामले पर वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को आदेश जारी करते हुए मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही सर्वे कर रही ASI की टीम को कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा है कि मीडिया में इस सर्वे से जुड़ी किसी भी बयान को साझा न करें। इस बाबत वाराणसी जिला कोर्ट में ज्ञानवापी प्रबंधन समिति द्वारा याचिका दाखिल की गई थी। इस याचिका में सर्वेक्षण के दौरान मीडिया कवरेज पर बैन लगाने की मांग की गई थी। इसी मामले की सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश एके विश्वेश ने सर्वेक्षण पर किसी तरह की मीडिया कवरेज पर बैन लगा दिया और पुरातत्व विभाग के सदस्यों को मीडिया में बयान न देने का आदेश पारित किया है।
ज्ञानवापी के मीडिया कवरेज पर बैन
पीटीआई से बात करते हुए हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने कहा, 'कोर्ट ने मीडिया को आदेश दिया है कि वह मौके से सर्वेक्षण की रिपोर्टिंग न करें। सर्वे टीम के सदस्यों को भी किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं देने को लेकर आदेश जारी किया गया है। अदालत ने आगे सलाह दी कि इस मुद्दे पर ऐसी रिपोर्टिंग जिससे शांति भंग हो, उसे सोशल मीडिया पर नहीं डाली जानी चाहिए। बता दें कि वाराणसी की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। इस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था।
अंजुमन इंतजामिया कमेटी का बयान
मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतजामिया मस्जिद के संयुक्त सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने कहा कि एएसआई सर्वेक्षण अदालत के आदेश पर किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि सर्वे टीम या उसके किसी अधिकारी की ओर से अबतक कोई बयान नहीं दिया गया है, लेकिन अखबारों और न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर लगातार भ्रामक खबरें चल रही हैं। उन्होंने कहा, 'इससे लोगों के दिमाग पर गलत प्रभाव पड़ेगा. ऐसी खबरों को प्रकाशित होने से पहले रोका जाना चाहिए.' बता दें कि अदालत के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण 4 अगस्त को शुरू हुआ था।
(इनपुट-भाषा)