Highlights
- 15 से 18 साल के बच्चों के लिए 3 जनवरी से वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी- पीएम मोदी
- हेल्थकेयर कर्मी और 60 साल से ज्यादा उम्र के लोग 10 जनवरी से लगवा सकेंगे बूस्टर डोज
- जल्द ही नेजल और DNA वैक्सीन भारत में शुरू होगी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश को संबोधित करते हुए बच्चों की वैक्सीन और 60 साल से ज्यादा आयु के बुजुर्गों के लिए बूस्टर डोज को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। पीएम मोदी ने कहा कि, 15 साल से 18 साल की आयु के बीच के जो बच्चे हैं, अब उनके लिए देश में वैक्सीनेशन प्रारंभ होगा। 2022 में, 3 जनवरी को, सोमवार के दिन से इसकी शुरुआत की जाएगी। पीएम मोदी ने कहा किआज भारत की वयस्क जनसंख्या में से 61 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या को वैक्सीन की दोनों डोज लग चुकी है। इसी तरह, वयस्क जनसंख्या में से लगभग 90 प्रतिशत लोगों को वैक्सीन की एक डोज लगाई जा चुकी है। भारत ने इस साल 16 जनवरी से अपने नागरिकों को वैक्सीन देना शुरू कर दिया था। ये देश के सभी नागरिकों का सामूहिक प्रयास और सामूहिक इच्छाशक्ति है कि आज भारत 141 करोड़ वैक्सीन डोज के अभूतपूर्व और बहुत मुश्किल लक्ष्य को पार कर चुका है।
60 साल ऊपर वाले जिन्हें कोई Comorbidity है, उन्हें प्रीकॉशन डोज दी जा सकती है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि जल्द ही नेजल, DNA वैक्सीन भारत में शुरू होगी। पीएम मोदी ने कहा कि 60 वर्ष से ऊपर की आयु के कॉ-मॉरबिडिटी वाले नागरिकों को, उनके डॉक्टर की सलाह पर वैक्सीन की Precaution Dose का विकल्प उनके लिए भी उपलब्ध होगा। ये भी 10 जनवरी से उपलब्ध होगा। हम सबका अनुभव है कि जो कॉरोना वॉरियर्स हैं, हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं, इस लड़ाई में देश को सुरक्षित रखने में उनका बहुत बड़ा योगदान है। वो आज भी कोरोना के मरीजों की सेवा में अपना बहुत समय बिताते हैं। इसलिए Precaution की दृष्टि से सरकार ने निर्णय लिया है कि हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन की Precaution Dose भी प्रारंभ की जाएगी। इसकी शुरुआत 2022 में, 10 जनवरी, सोमवार के दिन से की जाएगी।
ओमीक्रॉन को लेकर panic नहीं करें सावधान और सतर्क रहें- PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में भी कई लोगों के ओमीक्रॉन से संक्रमित होने का पता चला है। मैं आप सभी से आग्रह करूंगा कि panic नहीं करें सावधान और सतर्क रहें। मास्क और हाथों को थोड़ी-थोड़ी देर पर धुलना, इन बातों को याद रखें। कोरोना वैश्विक महामारी से लड़ाई का अब तक का अनुभव यही बताता है कि व्यक्तिगत स्तर पर सभी दिशानिर्देशों का पालन, कोरोना से मुकाबले का बहुत बड़ा हथियार है और दूसरा हथियार है वैक्सिनेशन।