भारत में निर्मित कफ सिरप के सेवन से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में औषधि विभाग ने नोएडा स्थित कंपनी के लाइसेंस को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं इस मामले में फरार कंपनी के मालिक की गिरफ्तारी के लिए जिला पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की है। मध्य नोएडा के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अमित कुमार ने बताया कि कंपनी के निदेशक सचिन जैन और जया जैन भारत में हैं या विदेश में हैं, इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता।
कंपनी से लिए गए नमूनों हुए फेल
एसीपी ने बताया कि उनके दिल्ली स्थित पते पर दबिश दी गई, लेकिन दोनों घर पर नहीं मिले। मामले की जांच जारी है। जनपद गौतमबुद्ध नगर के औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि कंपनी के मालिकों को विदेश जाने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि कंपनी से लिए गए नमूनों के फेल होने के बाद केंद्रीय औषधि विभाग की रिपोर्ट के आधार पर उत्तर प्रदेश औषधि विभाग ने कंपनी के लाइसेंस को निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस ने किया तीन लोगों को गिरफ्तार
बता दें कि भारत में निर्मित कफ सिरप पीने से उज्बेकिस्तान में कथित रूप से 18 बच्चों की मौत के मामले में लिए गए दवा के नमूनों के मानकों पर खरा नहीं पाए जाने के बाद गाजियाबाद के ड्रग इंस्पेक्टर की शिकायत पर थाना फेस-3 में बीती रात एक मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में ऑपरेशन हेड सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है जबकि कंपनी के मालिक फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है। 2020 के दिसंबर माह में उक्त कंपनी द्वारा बनाई गई सिरप पीने से कजाकिस्तान में 18 बच्चों की संदिग्ध मौत हो गई थी। गौरतलब है कि कजाकिस्तान सरकार की सूचना के आधार पर भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और कंपनी पर छापेमारी की गई।
ये भी पढ़ें-
ईरान के 50 स्कूलों में छात्राओं को ज़हर देने की कोशिश, अभिभावकों में दहशत
उमेश पाल हत्याकांड के शूटर का यूपी पुलिस ने किया एनकाउंटर, उस्मान चौधरी ढेर