देहरादून: उत्तरकाशी की दुर्घटनाग्रस्त टनल से सभी 41 श्रमिकों को सही सलामत निकाल लिया गया था। इस अभियान को सफल बनाने में रैट माइनर्स की बहुत बड़ी भूमिका थी। जब सब मशीनें फेल हो गई थीं, तब इन्हीं लोगों ने हाथों से खुदाई की थी और रेस्क्यू पाइप को मजदूरों तक पहुंचाया था। इस अभियान के बाद चारों तरफ इन रैट माइनर्स की तारीफ़ हो रही है। वहीं उत्तराखंड कांग्रेस ने भी इनके लिए बड़ा फैसला किया है। अब उत्तराखंड कांग्रेस ने बड़ा फैसला किया है। सभी विधायक रैट होल माइनर्स को अपने एक महीने का वेतन देंगे।
बता दें कि इन रैट माइनर्स को दिल्ली से बुलवाया गया था। इनकी 12 लोगों की टीम ने 16 दिन से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम तक पहुंचाया। मशीनें टूटती रहीं, लेकिन, इनका हौसला बरकरार रहा। सुरंग में पसरे मलबे और लोहे के अवरोधों को चीरकर जब रैट माइनर्स श्रमिकों तक पहुंचे तो उनकी आस को मानो सांस मिल गई। जब रैट माइनर्स एस्केप टनल से दाखिल हुए तो उन्हें देख श्रमिकों में खुशी की लहर दौड़ गई।
26 नवंबर को सिलक्यारा पहुंचे थे सभी रैट माइनर्स
रैट माइनर्स की टीम रॉकवेल के टीम लीडर ने रात 11 बजे टीम को तैयार किया था। टीम लीडर वकील हसन ने काफी मेहनत की। रैट माइनर्स टीम के सदस्य नासिर और मोनू ने कहा कि उन्हें 25 नवंबर की रात 11 बजे वकील हसन का फोन आया था। वकील हसन समेत सभी 12 सदस्य रात में ही दिल्ली से रवाना हुए और 26 नबंबर की दोपहर बाद सिलक्यारा पहुंच गए। टीम लीडर वकील हसन ने बताया कि सभी को लगता है कि इस रेस्क्यू ऑपरेशन में उन्हें काफी पैसा मिलेगा। लेकिन, पैसा नहीं भी मिला तो कोई दुख नहीं है। खुशी है कि 41 श्रमिकों को बचाने में उन्होंने भूमिका निभाई है।