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उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी की हार से मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलें तेज

पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के नाम भी चर्चा में हैं। उत्तराखंड में जब भी बदलाव की संभावना उभरती है, तो कई नाम मीडिया की अटकलों का हिस्सा बन जाते हैं।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : March 12, 2022 19:01 IST
Pushkar Singh Dhami
Image Source : PTI Pushkar Singh Dhami

देहरादून: उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के दोबारा मुख्यमंत्री बनने को लेकर अनिश्चितता बरकरार है। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में धामी की हार के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर मीडिया में तरह-तरह की अटकलों का दौर फिर शुरू हो गया। लोग कयास लगा रहे हैं कि उनका स्थान कौन ले सकता है। फिलहाल धामी की जगह लेने के लिहाज से कम से कम आधा दर्जन नामों की चर्चा है। इनमें चौबट्टाखल के विधायक सतपाल महाराज, श्रीनगर गढ़वाल के विधायक धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और दीदीहाट के विधायक बिशन सिंह चुफाल का नाम शामिल है। हालांकि त्रिवेंद्र ने इस बार चुनाव नहीं लड़ा था और उन्होंने शुक्रवार को खुद ही बयान जारी करके अपने को मुख्यमंत्री की दौड़ से बाहर बताया।

पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी के नाम भी चर्चा में हैं। उत्तराखंड में जब भी बदलाव की संभावना उभरती है, तो कई नाम मीडिया की अटकलों का हिस्सा बन जाते हैं। इसके पहले जब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बदलकर तीरथ सिंह रावत को यह जिम्मेदारी दी गई और इसके बाद तीरथ सिंह की जगह धामी ने यह पद संभाला तब इस तरह की अटकलें देखने को मिली थीं। हालांकि दोनों ही मौकों पर भाजपा ने किसी ऐसे व्यक्ति को चुनकर सबको चौंका दिया, जिसका नाम मीडिया की अटकलों से दूर था।

भाजपा ने इस तरह की अटकलों को खारिज करने की कोई कोशिश नहीं की है। पार्टी ने कहा है कि जीतने वाले विधायक एक साथ बैठेंगे और एक नेता का चुनाव करेंगे जो मुख्यमंत्री बनेगा। हरिद्वार सीट से चुनाव जीतने में सफल रहे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा, ‘‘हमें सरकार बनाने के बारे में अभी तक केंद्रीय पार्टी नेतृत्व से कोई निर्देश नहीं मिला है। हम वही करेंगे जो हमें करने के लिए कहा जाएगा।’’ धामी के बारे में उन्होंने कहा कि भले ही उन्होंने अपनी सीट गंवा दी हो, लेकिन उन्होंने दिल जीत लिया है।

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी उत्तराखंड में पार्टी की जीत का श्रेय युवा नेता धामी के गतिशील नेतृत्व को दिया। हालांकि भाजपा नेताओं के एक वर्ग का मानना ​​है कि विधानसभा चुनाव धामी के नाम पर लड़ा गया था, इसलिए पार्टी को दूसरे चेहरे की तलाश करने के बजाय धामी का साथ देना चाहिए। 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने के तुरंत बाद चंपावत के विधायक कैलाश गहटोरी ने कहा कि वह धामी के लिए अपनी सीट खाली करने के लिए तैयार हैं।

डोईवाला से जीते बृजभूषण गैरोला ने अपने राजनीतिक गुरु त्रिवेंद्र सिंह रावत के लिए अपनी सीट खाली करने की पेशकश की है, जिन्होंने उन्हें टिकट दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। खटीमा सीट से धामी साल 2012 से जीतते आ रहे थे, लेकिन इस बार हार गये। विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 47 सीट पर जीत दर्ज की है।

(इनपुट- एजेंसी)

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