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Uttarakhand News: उत्तराखंड में सड़क हादसों ने ली इस साल मई तक 409 लोगों की जान, घायलों की संख्या 500 के पार

Uttarakhand News: उत्तराखंड में इस साल मई तक 659 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 409 लोगों की मौत हुई और 594 लोग घायल हुए। पिछले साल मुकाबले इस साल इन आंकडों में काफी बढ़ोतरी हुई है।

Edited By: Sushmit Sinha @sushmitsinha_
Published : Jul 09, 2022 8:43 IST, Updated : Jul 09, 2022 8:43 IST
Road Accident
Image Source : FILE PHOTO Road Accident

Highlights

  • उत्तराखंड में इस साल मई तक 659 सड़क हादसे हुए हैं
  • सड़क हादसों ने ली इस साल मई तक 409 लोगों की जान
  • 594 लोग घायल हुए हैं

Uttarakhand News: सड़क हादसों (Road Accident) में जान गंवाने की समस्या पूरी दुनिया में है। भारत में भी हर रोज़ लोग सड़क हादसों का शिकार होते हैं। हालांकि बात जब पहाड़ी इलाकों की हो तो इन हादसों की संख्या और बढ़ जाती है, क्योंकि वहां की घुमावदार सड़कें और असमय होने वाली प्राकृतिक आपदाएं सड़क हादसों की बड़ी वजह बनती हैं। अब कल की ही घटना ले लीजिए, भारी बारिश के कारण उत्तराखंड के रामनगर में ढेला नदी में कार पलटने से 9 लोगों की मौत हो गई। ये सभी लोग पंजाब के रहने वाले थे और उत्तराखंड घूमने आए थे।

सड़क हादसों में गई 6 सौ से ज्यादा जान

उत्तराखंड में इस साल मई तक 659 सड़क हादसे हुए हैं, जिनमें 409 लोगों की मौत हुई और 594 लोग घायल हुए। पिछले साल इसी समय में राज्य में हुए सड़क हादसों और उनमें मरने वालों एवं घायल होने वालों की संख्या के मुकाबले इस साल इन आंकडों में काफी बढ़ोतरी हुई है। मुख्य सचिव सुखबीर सिंह सन्धु ने इस बाबत कहा कि इस साल पहाड़ी राज्य में सड़क हादसों की संख्या में 14.61 फीसदी, उनमें मरने वालों की संख्या में 17.87 फीसदी और घायलों की संख्या में 26.33 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क हादसों और उनमें घायल होने वालों की संख्या में बढ़ोतरी पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने के आदेश जारी कर दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में होने वाले हादसों में मरने वालो की संख्या, मैदानी क्षेत्रों में होने वाली दुर्घटनाओं के मुकाबले ज्यादा होती है, इसलिए पहाड़ो में सड़कों की दशा को तत्काल बेहतर करना होगा। सन्धु ने कहा कि सभी सड़कों पर चिह्नित दुर्घटना संभावित स्थलों पर क्रैश बैरियर का निर्माण, अन्य दुर्घटना स्थलों का चिन्हीकरण और हादसों के प्रति उनकी संवेदनशीलता के आधार पर उन्हें बेहतर बनाने के कार्य को प्राथमिकता से करना होगा।

बीते दिनों हिमाचल में भी ऐसा ही हादसा हुआ था

बीते दिनों हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में भी बड़ा हादसा हो गया था। यहां एक प्राइवेट बस खाई में गिर गई थी। इस हादसे में 12 लोगों के मरने की खबर है, जिसमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग ने बताया था कि प्राइवेट बस कुल्लू से सैंज घाटी में नियोली-शानशेर मार्ग पर जा रही थी। घटना सुबह करीब 8 बजे हुई थी। 

इनपुट : एजेंसी

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