Highlights
- उत्तराखंड के पहाड़ों में पार्किंग की भारी दिक्कत
- राज्य में होगा छोटी भूमिगत सुरंगों का निर्माण
- प्रदेश में करीब 180 पार्किंग स्थल मार्क किए गए
Uttarakhand News: उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने पहाड़ों में पार्किंग की विकट समस्या को दूर करने के लिए छोटी भूमिगत सुरंगों का निर्माण करने का फैसला लिया है। इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार देर शाम मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दी गयी है। राज्य के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह सन्धु ने बताया कि प्रस्तावित भूमिगत सुरंगें पहाड़ों में पार्किंग स्थल का काम करेंगी।
देश में पहली बार हो रहा यह काम
इस मामले में विस्तार से जानकारी देते हुए राज्य के मुख्य सचिव ने बताया कि इन सुरंगों के निर्माण कार्य के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड, टिहरी हाइड्रो पॉवर लिमिटेड और उत्तराखंड जलविघुत निगम लिमिटेड को चुना गया है। सुरंगों के निर्माण से पहले उनका भूगर्भीय सर्वे कराया जाएगा । एक अन्य प्रमुख फैसले में मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड लैंटस्लाइड मिटिगेशन और कंट्रोल सेंटर की स्थापना को भी मंजूरी दी। देश में अपनी तरह का यह पहला संस्थान होगा जो इस संवेदनशील राज्य में भूस्खलन को रोकने और उससे निपटने के लिए कार्य करेगा।
टनल पार्किंग को लेकर क्या है सरकार की प्लान
राज्य के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह सन्धु ने बताया कि पर्यटन सीजन, चारधाम यात्रा जैसे मौकों पर पार्किंग की समस्या पहाड़ में सबसे चुनौतीपूर्ण है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने प्रदेशभर में करीब 180 पार्किंग स्थल मार्क किए हैं। इनमें से तमाम स्थल ऐसे हैं, जहां जल विद्युत परियोजनाओं की तर्ज पर पहाड़ के भीतर टनल बनाई जा सकती है। इसके लिए सरकार ने टिहरी बांध बनाने वाली टीएचडीसी, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन में टनल बनाने वाली रेलवे विकास निगम लिमिटेड और उत्तराखंड के बांधों में टनल बनाने वाले यूजेवीएनएल को कार्यदायी संस्था नामित किया है।
कैबिनेट की बैठक में इन फैसलों को भी मंजूरी
धामी मंत्रिमंडल ने देहरादून-मसूरी रज्जुमार्ग परियोजना के टर्मिनल की उंचाई बढ़ाने में छूट के प्रस्ताव पर भी अपनी मुहर लगा दी। यह परियोजना उंचाई के संबंध में अस्पष्टता के कारण 2019 से रूकी पड़ी थी। उधम सिंह नगर जिले में किच्छा के पास एम्स के सैटेलाइट सेंटर की स्थापना के लिए केंद्र को 100 एकड़ जमीन निशुल्क देने का भी मंत्रिमंडल ने फैसला किया। इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने प्रदेश में अपने टॉवर स्थापित करने वाली मोबाइल कंपनियों पर टैक्स लगाने का फैसला भी किया।