Highlights
- सोनप्रयाग के समीप भूस्खलन की चपेट में आया वाहन
- महाराष्ट्र के अहमदनगर की रहने वाली महिला की मौत
- भगवान केदारनाथ के दर्शन कर वापस लौट रहे थे लोग
Uttarakhand Landslide: उत्तराखंड में आज बुधवार को ज्यादातर जगहों पर बारिश हुई, जिससे अनेक स्थानों पर भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। इस दौरान केदारनाथ मार्ग पर सोनप्रयाग के समीप एक वाहन के भूस्खलन की चपेट में आने से एक महिला की मृत्यु हो गई। महिला महाराष्ट्र की थीं। वहीं, पांच अन्य लोग घायल हो गए। एक अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसा बुधवार दोपहर बाद 3:00 बजे के आस-पास रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ, जब मुनकटिया के समीप पहाड़ी से अचानक भूस्खलन होने से सोनप्रयाग-गौरीकुंड शटल सेवा में लगा वाहन उसकी चपेट में आ गया। दुर्घटना में वाहन सवार एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य घायल हो गए।
हादसे के समय वाहन में 11 लोग थे सवार
सूचना मिलने पर पुलिस एवं राज्य आपदा प्रतिवादन बल के जवान मौके पर पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। हादसे के समय वाहन में 11 यात्री सवार थे, जो भगवान केदारनाथ के दर्शन कर वापस लौट रहे थे। मरने वाली महिला की पहचान महाराष्ट्र के अहमदनगर की रहने वाली 62 वर्षीय पुष्पा मोहन भोंसले के रूप में हुई है।
चार धाम की यात्रा में 203 श्रद्धालुओं की मौत
वहीं, उत्तराखंड के उच्च गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित चार धाम की यात्रा के लिए स्वास्थ्य संबंधी परामर्श जारी किए जाने के बावजूद कठिन मौसम और स्वास्थ्य संबंधी कारणों की वजह से अब तक 203 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली। चारधाम यात्रा तीन मई को अक्षय तृतीया के पर्व से शुरू हुई थी और अधिकतर श्रद्धालुओं की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने से हुई है।
97 श्रद्धालुओं की मौत केदारनाथ में हुई है
इसके अलावा विषम पहाड़ी मौसमी दशाओं के चलते कई लोग विशेष रूप से बुजुर्ग तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य खराब भी हुआ, जिन्हें हवाई एंबुलेंस समेत तमाम प्रकार की चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई गई। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 26 जून तक चारधाम यात्रा पर आने वाले 203 श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जान चली गई। इनमें से सबसे ज्यादा 97 लोगों की मौत केदारनाथ में हुई, जबकि बदरीनाथ में 51, यमुनोत्री में 42 और गंगोत्री में 13 तीर्थयात्रियों ने दम तोड़ा।